कबीरधामकवर्धा

सांप काटने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा जिला अस्पताल

स्नेक बाइट के 61 मरीज में 60 मरीज हुए स्वस्थ्य

सांप काटने के बाद अस्पताल में उपचार कराए, अंधविश्वास या झाड़फूंक के चक्कर में पड़ – मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश सूर्यवशी ने

कवर्धा:-  चिकित्सालय कबीरधाम में जिले के सभी विकासखंडो से रिफर मरीज आते हैं। विशेषकर जहरीले सांप के काटने वाले मरीज जिला चिकित्सालय में इलाज करवाकर स्वस्थ्य होकर घर खुशी खुशी के साथ लौट रहे है, और अपने नजदीकी, दोस्तो और रिश्तेदारों को जिला चिकित्सालय की बेहतर इलाज की प्रशंसा कर रहे है। ये सब छत्तीसगढ शासन के वन मंत्री और कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर का लोगों के स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान देने की सौगात है। कलेक्टर जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में जिला अस्पताल की व्यवस्था दुरूस्त हुई है। गत माह जिला चिकित्सालय कबीरधाम में 61 मरीज सांप काटने के दर्ज हुए है, जिसमें 60 लोगों को उपचार के बाद नई जिंदगी अस्पताल के चिकित्सकों ने दी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश सूर्यवशी ने बताया कि जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां, एंटीवेनम और आवश्यक औषधि उपलब्ध है। उन्होने कहा कि सांप काटने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल लाकर इलाज करवाना चाहिए। उन्हे फुंक झाड के चक्कर में इधर उधर नहीं घुमाना चाहिए, जितना जल्दी हो सके आपातकालीन नम्बर 108, 112 डायल कर मरीज को सीएचसी या जिला चिकित्सालय पहुचाए।
उन्होंने बताया की गत दिवस स्नेक बाइट के मरीज श्रीकांत प्रजापति पिता गनेश बटुराकछार को दो बार सांप ने एक ही स्थान पर काटा था जो अत्यधिक गंभीर स्थिति में थे जिसे डाक्टरों की सुझ बुझ ने त्वरित इलाज कर उसकी जान बचा लिया। उसी प्रकार दामिनी कौशिक पिता रामबिलास कौशिक गोछिया 12 वर्ष को क्रिटिकल कंडीशन से उन्हे बचा लिया गया। दामिनी को बचाने में डॉ सलिल मिश्रा शिशु रोग विशेषज्ञ ने 24 घंटे उनकी केयर कर उपचार किया। दामिनी को आधीरात में सांप ने काटा और उन्हें सुबह लगभग 9:00 बजे जिला चिकित्सालय लेकर आए। डॉ मिश्रा ने बताया कि सांप काटने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल लेकर आयें। जिससे मरीज के बचने की उम्मीद अधिक होती हैं। चिकित्सा टीम में माया दुबे स्टॉफ नर्स, लेखराम साहू, विवेक, प्रदीप, नवीन, राकेश ने मरीजों के इलाज में सहयोग प्रदान किये है।
जिला अस्पताल के चिकित्सक के माइनर ओटी प्रभारी डॉ पुरुषोत्तम राजपूत ने बताया की बहुत ज्यादा गर्मी और बरसात के मौसम में सांप काटने की घटनाएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं। इस प्रकार की घटनाएं खासकर जंगली और ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलती हैं। सांप काटने पर अधिकांश लोग बहुत ज्यादा डर जाते हैं और यह निर्णय नहीं ले पाते कि सांप के काटने के बाद उन्हें क्या करना चाहिए। सांप काटने के बाद कुछ लोग अंधविश्वास के भी चक्कर में पड़ जाते हैं।

सांप काटने के बाद क्या करना चाहिए

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश सूर्यवशी ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को सांप काट ले तो उसे सबसे पहले उसे डरना नहीं हैं, जो उनके आसपास है इनको मरीज को डरना नहीं है यह बात बताने की जरूरत होती है कि अधिकतर सांप जहरीले नहीं होते हैं। उन्होंने बताया की बहुत बार ऐसा होता है की साप काटने पर भी विष नही छोड़ता हैं।इसका मतलब यह है कि अगर आप को सांप काटता है, तो यह जरूरी नहीं है कि आपको किसी जहरीले सांप ने ही काटा है। उन्होंने बताया की हो सकता है कि आपको किसी साधारण सांप ने काटा हो ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस बात को जिस व्यक्ति को साप काटा उसे समझाना चाहिए। सांप काटने के बाद सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश ना करें और ना ही किसी तांत्रिक के पास जाने का विचार करें। इसके अलावा अगर आभूषण घड़ी अंगूठियां पहन रखी है तो उसे हटा दें क्योंकि काटे गए क्षेत्र में सूजन हो सकती है। जिस स्थान पर सांप ने काटा है वहां ब्लेड या धारदार वस्तु से काटने की कोशिश ना करें। बल्कि पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं और डॉक्टर से उसका प्राथमिक उपचार और एंटी वेनम इंजेक्शन लगवाएं।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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