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बीजेपी के वरिष्ठ विधायक रामविचार नेताम को रविवार को राजभवन में प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन उन्हें शपथ दिलाई। नेताम के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव के अलावा भाजपा विधायक और राजभवन के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान और राज्य गीत के साथ हुई। राम विचार नेताम ने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद सीएम और डिप्टी सीएम दिल्ली पहुंचे। दिल्ली में उन्होंने प्रदेश प्रभारी ओम माथुर से मुलाकात की है। केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार की तारीख की घोषणा होगी।
![दिल्ली में ओम माथुर से मिले सीएम साय और डिप्टी सीएम साव और विजय शर्मा।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/17/whatsapp-image-2023-12-17-at-180401_1702816700.jpg)
शपथ ग्रहण के बाद राम विचार नेताम ने कहा कि, प्रदेश की जनता को ये उम्मीद थी कि प्रोटेम स्पीकर को छत्तीसगढ़ी में शपथ लेनी चाहिए। इसलिए मैंने छत्तीसगढ़ी में पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ माता की सेवा करने के लिए हम सब आए हैं। स्वाभाविक है सब की भावनाओं का भी सम्मान हो।
![राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल के साथ ही सीएम विष्णदेव साय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत भी मौजूद रहे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/17/wqw3_1702792412.jpg)
छठवीं बार चुने गए विधायक
रामविचार नेताम रामानुजगंज विधानसभा से छठवीं बार के विधायक हैं। रामविचार नेताम का जन्म अविभाजित सरगुजा जिले के बलरामपुर ब्लॉक के सनावल ग्राम में एक मार्च 1962 को हुआ था। उन्होंने अंबिकापुर पीजी कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की। इस दौरान वे छात्र राजनीति में सक्रिय थे।
पढ़ाई खत्म होने के बाद वापस सनावल आकर वे स्कूल में शिक्षक की नौकरी करने लगे। वर्ष 1990 में उन्होंने पाल विधानसभा क्षेत्र से पहली बार भाजपा की टिकट से विधायक निर्वाचित हुए। पाल विधानसभा अनुसूचित जाति जनजाति के लिए रिजर्व सीट है। रामविचार नेताम 1993 में दूसरी, 1998 में तीसरी, 2003 में चौथी व 2008 में पांचवी बार विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने लगातार पांच बार विधायक बनने का रिकार्ड अपने क्षेत्र से बनाया।
विधायकों को शपथ दिलाएंगे नेताम
नेताम नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा में शपथ दिलाएंगे। विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस के 90 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इधर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले हो सकता है।
![प्रोटेम स्पीकर कार्यक्रम करने के लिए ये निर्देश राजभवन से जारी किया गया है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/16/_1702735906.jpg)
मंत्रिमंडल में इन्हें मिल सकती है जगह
बृजमोहन अग्रवाल, विक्रम उसेंडी, केदार कश्यप, रामविचार नेताम, धरमलाल कौशिक, ओपी चौधरी, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, डोमन लाल कोर्सेवाडा, रेणुका सिंह और अजय चंद्राकर को जगह मिल सकती है।
रामविचार नेताम का राजनीति करियर
- वर्ष 1990 में पाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनकर मध्यप्रदेश विधानसभा पहुंचे
- वर्ष 1993 में पाल विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बने
- वर्ष 1998 में पाल विधानसभा से तीसरी बार विधायक बने
- वर्ष 2000 से 2003 तक अविभाजित सरगुजा के भाजपा जिलाध्यक्ष
- वर्ष 2003 में पाल विधानसभा से चौथी बार विधायक। 2003 से वर्ष 2005 तक रमन सरकार में अजाक मंत्री
- वर्ष 2005 से 2008 तक गृह, जेल एवं सहकारिता मंत्री
- वर्ष 2008 में पांचवीं बार रामानुजगंज विधानसभा से विधायक
- 2008 से 2012 तक डा. रमन सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
- 2012 से 2013 तक डा. रमन सरकार में जल संसाधन मंत्री
- वर्ष 2014 में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री
- वर्ष 2015 में राष्ट्रीय प्रभारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा, झारखंड के प्रभारी
- 2016 से वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा
- जून 2016 से जून 2022 तक राज्यसभा सांसद
छत्तीसगढ़ में अब तक ये बने प्रोटेम स्पीकर
- पहली विधानसभा : महेंद्र बहादुर सिंह
- दूसरी विधानसभा : राजेंद्र प्रसाद शुक्ल
- तीसरी विधानसभा : बोधराम कंवर
- चतुर्थ विधानसभा : सत्य नारायण शर्मा
- पांचवीं विधानसभा : रामपुकार सिंह
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर से आया है। इसका मतलब होता है- कुछ समय के लिए। प्रोटेम स्पीकर अस्थायी स्पीकर होता है। विधानसभा चुनाव होने के बाद सदन को चलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर को चुना जाता है।
प्रोटेम स्पीकर को चुनता कौन है?
- विधानसभा चुनाव होने के बाद विधानसभा सचिवालय की तरफ से सीनियर मोस्ट विधायकों यानी जो सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतकर आए हों उसका नाम राज्यपाल के पास भेजते हैं।
- ज्यादातर मामलों में परंपरा रही है कि राज्यपाल सीनियर मोस्ट विधायक को ही प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करते हैं। हालांकि कई मामलों में राज्यपाल पर ही निर्भर होता है कि वह किसे प्रोटेम स्पीकर चुने।
- इसका उदाहरण 2018 का कर्नाटक विधानसभा चुनाव है। यहां चुनाव होने के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई ने बीजेपी नेता केजी बोपैय्या को प्रोटेम स्पीकर बनाया। जबकि कांग्रेस नेता आर वी देशपांड़े सबसे सीनियर मोस्ट विधायक थे।
प्रोटेम स्पीकर का काम क्या होता है?
- प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण कराना है। यह पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है।
- प्रोटेम स्पीकर का काम फ्लोर टेस्ट भी करवाना होता है। हालांकि संविधान में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, काम और पावर के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
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![पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/16/cmd_1702739536.png)
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता और नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आदेश जारी किया है। वहीं दीपक बैज भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे।