दूरस्थ अंचल में निवासरत वनवासियों एवं आदिवासियों की अतिरिक्त आय का प्रमुख स्त्रोत तेंदूपत्ता संग्रहण है। छ.ग. शासन द्वारा इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 4000 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 5500 रू. प्रति मानक बोरा कर दी गई। परिणाम स्वरूप वनवासी भाई अपने पूर्ण परिवार सहित भीषण गर्मी में अधिक-से-अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण करने में जूट गए है। असमय वर्षा -पानी भी उन्हें इस कार्य को सम्पन्न करने में रूकावट पैदा नहीकर सका। वर्षा बन्द होते ही ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रहण में लग जाते है।
अभी से 50 प्रतिषत लक्ष्यपूर्ण:- कबीरधाम जिले में लगभग 35000 वनवासी तेंदूपत्ता संग्रहण करते है। यह कार्य 05/05/2024 से लगभग 22/05/2024 तक किया जाता है। जिले का लक्ष्य 40100 मानक बोरा है, परन्तु दिनांक 09/05/2024 को ही 19621 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है। जिसकी संग्रहण राषि 10 करोड़ 79 लाख रूपये है।
अधिकारियों का भ्रमण पर निर्देष:- दिनांक 09/05/2024 को मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग तथा वन मण्डलाधिकारी कवर्धा द्वारा राजानवागांव समिति के फड़ छपरी तेंदूपत्ता फड़ का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित उप वनमण्डाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी कवर्धा, उप वन क्षेत्रपालो, तथा प्रंबधक एवं फड़ मुषीयों को स्पस्ट निर्देष दिए कि प्रत्येक संग्राहक को कम से कम 500 तेन्दूपत्ता गड्डी संग्रहण कर लाने हेतु प्रेरित करे ताकि उनके बालक-बलिकाओं को षिष्यवृत्ति एंव छात्रवृति का लाभ तथा परिवार सदस्यों के मुखिया का आकस्मिक निधन होन पर सन्तप्त परिवारजनों को आर्थिक लाभ की पात्रता बने।