खैरागढ़-छुईखदान-गंडईछत्तीसगढ़जिलेवार ख़बरेंदुर्ग-भिलाईबिलासपुरबेमेतरामुंगेलीराजनांदगांवरायपुर

सिम्स के डीन को हाईकोर्ट से बड़ा झटका: निलंबन पर स्टे हटा

बिलासपुर. हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के डीन रहे डॉ. केके सहारे को दिए गए स्टे को हटा लिया है. इसके साथ ही सहारे की याचिका खारिज कर दी गई है. दरअसल स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बिलासपुर प्रवास के दौरान सिम्स में बैठक ली थी. इस दौरान बैठक में अनुपस्थित रहने पर पर डीन डॉ. केके सहारे को निलंबित करने का आदेश दिया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने इस पर स्टे दे दिया था. इस स्टे के खिलाफ शासन ने कोर्ट में अपील की. शासन की ओर से कहा गया कि पूरे मामले में अभी जांच चल रही है, कोई नया अपडेट भी नहीं है इसलिए स्टे जारी रखना सही नहीं होगा. हाईकोर्ट ने शासन की बात को स्वीकार कर दिया है.

गौरतलब है कि अपने निलंबन आदेश के खिलाफ डॉ. केके सहारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में बताया गया 22 सितंबर 2024 को उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था. इसमें अपने भाई के निधन होने के कारण तीन दिन की छुट्टी ली थी. इसी दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में शासी निकाय की बैठक बुलाई थी, तब उन्होंने बैठक में अनुपस्थित रहने की जानकारी पहले ही दे दी थी. याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि भाई के निधन की जानकारी देने के बाद भी दुर्भावना के चलते उन्हें निलंबित किया गया है. शासन के नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अनुपस्थित होने पर पर्याप्त कारण के अभाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है लेकिन, उन्होंने पहले ही छुट्टी पर जाने का कारण बता दिया था. इसके बावजूद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.

इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता डॉ. सहारे के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी और साथ ही प्रकरण में राज्य शासन, स्वास्थ्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस पर शासन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि डॉ सहारे के निलंबन आदेश में ही लिखा है कि उनके द्वारा वित्तीय गड़बड़ी की गई है जिसके खिलाफ जांच जारी है. इसके सात ही आयुष्मान भारत योजना में लापरवाही बरतने, अस्पताल में नियमित नहीं पहुंचने और आपरेशन के दौरान भी लापरवाही बरती गई. कोर्ट ने फैसले में कहा कि शासन की जांच जारी है और इसमें किसी प्रकार की रोक या हस्तक्षेप सही नहीं होगा. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी भी जताई कि जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है, हालांकि कोर्ट ने डा सहारे को इस बात की छूट दी है कि वे दूसरे कोर्ट में अपील कर सकते हैं.




Source link

Advertisement Advertisement 2 Advertisement 3 Advertisement 4

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button