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Constitution Day: 2015 से हुई शुरुआत, 10वां संविधान दिवस अबकी बार

Constitution Day: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश, भारत आज, 26 नवंबर को अपना 10वां संविधान दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश और पहल पर संविधान दिवस पहली बार 26 नवंबर, 2015 को मनाया गया था, जब 2015 में संविधान के जनक डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी। हर वर्ष हम भारतीय संविधान के लागू किए जाने की वर्षगांठ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है परंतु 26 नवंबर को हमारा संविधान अंगीकृत यानी स्वीकार किया गया था। इतिहास के पन्नों के बीच कही दबी रह गई इस तारीख को वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद किया। 26 नवंबर 2015 से ही देश में हर वर्ष संविधान दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस वर्ष संविधान स्वीकृत होने के 75 वर्ष भी पूर्ण हो रहे है।

10वें संविधान दिवस के कार्यक्रम 

26 नवंबर 2024 को 10वें संविधान दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति की अगुवाई में , उपराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में संसद के केंद्रीय कक्ष में एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया जाएगा।

संविधान दिवस की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2015 को मुंबई में बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा  की आधारशिला रखते हुए यह घोषणा की थी कि 26 नवंबर, संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 19 नवंबर 2015 को संविधान स्वीकृत होने के 65 वर्ष बाद भारत सरकार ने राजपत्र अधिसूचना द्वारा घोषणा की थी कि, भारतीय नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने प्रतिवर्ष 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

संविधान दिवस मनाने के उद्देश्य 

यह दिन संविधान को अपनाने और इसकी नींव डालने वाले हमारे महापुरुषों के योगदान को सम्मान और धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है। संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य यह भी है कि भविष्य में देश जिस पीढ़ी के हाथ में हो, वो हमारे संविधान को जाने, समझे, इससे सीख ले और नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें। इसके अलावा, इसका उद्देश्य भारतीय संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

पीएम नहीं, सीएम रहते ही संविधान दिवस की कल्पना

ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद संविधान दिवस कार्यक्रम की कल्पना लेकर आए। जब संविधान के 60 वर्ष पूरे हुए थे, तब गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर पीएम मोदी ने राज्य में संविधान दिवस मनाना शुरू कर दिया था। 2010 में बतौर मुख्यमंत्री, पीएम मोदी ने संविधान के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, गुजरात के सुरेंद्रनगर में संविधान गौरव यात्रा का आयोजन किया था। संविधान की एक प्रतिकृति हाथी पर रखी गई थी और जुलूस शहर के कई हिस्सों में घूमा था। वे खुद उस दौरान हाथी के आगे – आगे पैदल चले थे।

संविधान की प्रस्तावना ऑनलाइन 

25 नवंबर 2022 को 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में संविधान की प्रस्तावना के वाचन के लिए ऑनलाइन पोर्टल की शुरूआत की गई।

भारतीय संविधान की खासियत

  1. भारत का संविधान दुनिया में सबसे बड़ा और विस्तृत है। जब इसे लागू किया गया था, तब इसमें 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थीं। इसमें कुल शब्दों की संख्या करीब 1,45,000 थी।
  1. हमारे संविधान का प्रारूप 60 से अधिक देशों के संविधान का गहन अध्ययन करने के बाद, लंबे विचार-विमर्श के बाद तैयार हुआ था। प्रारूप तैयार होने के बाद, अंतिम स्वरूप तैयार होने से पहले, इसमें 2000 से अधिक संशोधन किए गए।
  1. भारतीय संविधान एक रूप में कठोर भी है तो एक रूप में लचीला भी क्योंकि संविधान के कुछ प्रावधानों को संसद में सामान्य बहुमत से संशोधित किया जा सकता है जबकि कुछ प्रावधानों में बदलाव के लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत के साथ कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडल की अनुमति भी जरूरी है।
  1. भारतीय संविधान में भारतीय नागरिकों को मूल अधिकार प्रदान किए है तो उनके लिए कुछ मूल कर्तव्य भी निर्धारित किए है।
  1. भारतीय संविधान में विधायिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। संविधान निर्माताओं ने अपनी बुद्धिमता, विवेक, दूरदर्शिता और परिश्रम से एक ऐसा भविष्यदर्शी और जीवंत दस्तावेज तैयार किया, जो एक ओर हमारे आदर्शों और आकांक्षाओं को दर्शाता है, तो दूसरी ओर सभी भारतीयों के भविष्य की रक्षा करता है।




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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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