कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति ने किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं यथा संशोधित 2021 आदर्श नियम 2016 यथा संशोधित 2022 एवं मिशन वात्सल्य तहत संचालित बाल देखरेख संस्था शासकीय बाल गृह एवं विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण का निरीक्षण कर आवश्ययक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर बर्मन एवं उनकी टीम ने संस्था में निवासरत बच्चों, कर्मचारियों से वन टू वन चर्चा कर शासन से मिल रही सुविधाओं मानकों एवं नियमों की पालन के संबंध में बारीकी से जानकारी ली।
अपर कलेक्टर इंद्रजीत बर्मन ने बच्चों से उनके कैरियर निर्माण पर चर्चा करते हुए उन्हें भविष्य में स्वलबीं बनने मार्गदर्शन दिए। उन्होंने बताया कि अपने रूची अनुसार शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ कौशल विकास तथा व्यवसायिक मनोवृत्ति को मजबूत करना आवश्यक है। केवल शैक्षणिक डिग्री हासिल कर लेने से व्यक्तित्व का विकास व स्वलंबन हो पाना संभव नही है। शैक्षणिक योग्यता तो एक आधार साथ में हमारे व्यक्तित्व विकास के लिए, हमें हमारे कौशल में निपूर्ण होना बहुत जरूरी है। उन्होने बच्चों को बताया की अपने रूची अनुसार भविष्य निर्माण के लिए अपने कौशल क्षमता का उपयोग कर शुरूवात छोटे व्यवसाय से कर बड़ी-बड़ी कम्पनीयों में आटोमोबाईल, इलेक्ट्रीक कम्पनीयों, इंटीरीयर डीजानिंग आदि के क्षेत्रों में भी भविष्य बनाया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को भविष्य एवं कैरियर निर्माण के लिए प्रेरित कर शुभकामनाएं दिए। निरीक्षण टीम द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं के सभी पहलुओं की बारिकी से आवलोकन कर शासन द्वारा निर्धारित मानकों एवं नियमों का काड़ाई से पालन करने आवश्यक निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी एल भूआर्य, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी कु. क्रान्ति साहू, संरक्षण अधिकारी संजय श्रीवास्तव, सामाजिक कार्यक्रर्ता विष्णु सिंह चंद्रवंशी एवं राजेन्द्र बारले सदस्य बाल कल्याण समिति किशोर न्याय बोर्ड एवं स्वास्थ्य विभाग व संस्था के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।