डोंगरगढ़ के सुदर्शन पहाड़ पर तेंदुए की दस्तक, शहर में मचा हड़कंप, वन विभाग अलर्ट, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

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राजनांदगांव। डोंगरगढ़ के नजदीक सुदर्शन पहाड़ पर शनिवार दोपहर तेंदुए के दिखाई देने से क्षेत्र में दहशत फैल गई। यह इलाका कोई सुनसान जंगल नहीं, बल्कि सरकारी दफ्तरों, अस्पताल और रिहायशी कॉलोनियों से घिरा शहर का हिस्सा है। घटना के बाद वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंच गईं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लेकिन इस घटना ने विकास और पर्यावरण के बीच बढ़ते टकराव को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
कैसे हुआ तेंदुए का पता?
शनिवार को अछोली गांव के आसपास रहने वाले कुछ लोगों ने पहाड़ की ढलान पर तेंदुए को खुलेआम घूमते देखा। पहले तो इसे अफवाह समझा गया, लेकिन जैसे ही फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, प्रशासन हरकत में आ गया। वन विभाग ने इलाके में पिंजरे लगाए हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है।
तेंदुआ आया नहीं, जंगल घटा है: विशेषज्ञों की राय
प्रकृति शोध एवं संरक्षण सोसाइटी के सचिव रवि पांडेय ने बताया कि यह तेंदुआ इस इलाके का पुराना निवासी है। पहले जंगल विस्तृत था, इसलिए आमने-सामने की घटनाएं कम थीं। अब जैसे-जैसे विकास की गतिविधियां पहाड़ तक पहुंचीं, जानवरों के लिए स्थान सीमित होता गया।
फील्ड ऑर्निथोलॉजिस्ट प्रतीक ठाकुर का कहना है कि हमें वन्यजीवों से डरने की नहीं, बल्कि अपनी विकास नीति की समीक्षा करने की जरूरत है। तेंदुए की मौजूदगी खतरा नहीं, चेतावनी है कि सह-अस्तित्व की नीति को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, लेकिन आगे क्या?
वन विभाग के अनुसार तेंदुए को पकड़ने के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि यदि उसे पकड़ लिया गया, तो उसे कहां छोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षित और पर्याप्त वन क्षेत्र कम होते जा रहे हैं।
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