कबीरधाम: जैता टोला बोड़ला से लगा हुआ गांव हैं जहां वर्षो से रोड की समस्या को लेकर आज भी जूझ रहे हैं भारत विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन तहसील बोड़ला के जैताटोला गांव के निवासियों के लिए यह विकास केवल एक सपना बनकर रह गया है। यहाँ की पक्की सड़क का निर्माण कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो सका है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं।
**स्थानीय निवासियों की नाराज़गी:**
जैताटोला के निवासियों का कहना है कि हर चुनाव में नेता यहाँ आते हैं, वादे करते हैं और चले जाते हैं। “हमारा गाँव आज भी कच्ची सड़क पर है, जिससे बारिश के दिनों में स्थिति और भी बदतर हो जाती है,” एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। “हर बार चुनाव के समय हमें यही आश्वासन मिलता है कि इस बार सड़क का निर्माण होगा, लेकिन फिर से वही स्थिति।”
**निर्माण कार्य का अभाव:**
पिछले कुछ वर्षों में कई बार पक्की सड़क निर्माण का आश्वासन दिया गया है, लेकिन आज तक यह सिर्फ वादे ही बने रहे। जैताटोला की सड़क न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि विद्यार्थियों और किसानों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गाँव के बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती है और किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुँचाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
**आवश्यकता है ठोस कदम उठाने की:**
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए। “यहाँ के लोगों को सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं की सख्त जरूरत है। यदि सरकार विकास की बात करती है, तो इसे केवल वादों तक सीमित नहीं होना चाहिए,” एक कार्यकर्ता ने कहा।
**निष्कर्ष:**
क्या जैताटोला के निवासियों का सपना कभी पूरा होगा?
क्या नेताओं को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होगा?
यह सवाल अब स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
उम्मीद है कि सरकार इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देगी और लोगों की समस्याओं का समाधान करेगी।