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प्रकृति और कला का अद्भुत संगम: चिंगरा पगार में पत्थरों पर उकेरी गई जंगल की दुनिया, कोरिया में दुर्लभ पक्षियों के बसेरे की झलक

छत्तीसगढ़ की जैव विविधता और कला को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। गरियाबंद जिले के चिंगरा पगार वॉटरफॉल में चट्टानों पर वन्यजीवों की अद्भुत कलाकृतियां उकेरी गई हैं, जबकि कोरिया जिले में दुर्लभ पक्षी प्रजातियों पर विशेष ब्रोशर जारी किया गया है। दोनों ही प्रयास न केवल राज्य की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करेंगे, बल्कि पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करेंगे।

चिंगरा पगार: पत्थरों पर बोलते वन्यजीव

गरियाबंद जिले के चिंगरा पगार वॉटरफॉल को अब सिर्फ उसकी खूबसूरती के लिए नहीं, बल्कि अद्भुत शिल्पकला के लिए भी जाना जाएगा। खैरागढ़ के प्रसिद्ध कलाकार दंपति, धरम नेताम और मनीषा नेताम, ने यहां की चट्टानों को कैनवास बनाकर वन्यजीवों की जीवंत आकृतियां उकेरी हैं।

प्रकृति और कला का संगम

इन चट्टानों पर शेर की दहाड़, तेंदुए की चाल, अजगर की लहराती बनावट, मगरमच्छ की खतरनाक छवि, बिच्छू की जहरीली आकृति, कछुए की शांत छवि जैसी अद्भुत कलाकृतियां बनाई गई हैं। यह कला पर्यटकों को आकर्षित करेगी और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देगी। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से स्थानीय रोजगार बढ़ेगा और पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।

प्रकृति और कला का अद्भुत संगम: चिंगरा पगार में पत्थरों पर उकेरी गई जंगल की दुनिया, कोरिया में दुर्लभ पक्षियों के बसेरे की झलक

कोरिया जिले की दुर्लभ पक्षी प्रजातियों पर विशेष ब्रोशर

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष ब्रोशर जारी किया गया है, जिसमें जिले की 243 से अधिक दुर्लभ और प्रवासी पक्षी प्रजातियों की जानकारी दी गई है।

प्राकृतिक आश्रय स्थलों पर दुर्लभ पक्षी

कोरिया के जंगल और जल स्रोत कई स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को आश्रय प्रदान करते हैं। यह ब्रोशर न केवल पक्षियों की जानकारी देगा, बल्कि उनके संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डालेगा। इस ब्रोशर में जंगली उल्लू, कठफोड़वा, नीलकंठ, बुलबुल, बोनेली का चील, कॉमन पोचार्ड, इंडियन व्हाइट आई, लिटिल ग्रेब, नॉर्दन पिनटेल जैसी 243 से अधिक पक्षी प्रजातियों की जानकारी दी गई है।

प्रकृति और कला का अद्भुत संगम: चिंगरा पगार में पत्थरों पर उकेरी गई जंगल की दुनिया, कोरिया में दुर्लभ पक्षियों के बसेरे की झलक

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

चिंगरा पगार की वन्यजीव शिल्पकला और कोरिया जिले के दुर्लभ पक्षी ब्रोशर, ये दोनों पहल छत्तीसगढ़ की जैव विविधता और कला को एक नया आयाम देंगी। यह प्रयास न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देंगे। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो चिंगरा पगार की चट्टानों की जादुई दुनिया और कोरिया जिले के पक्षी संसार की सैर जरूर करें!




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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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