बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कबीरधाम जिले के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़, रायपुर के निर्देशानुसार, यह कार्यक्रम चारों विकासखंडों—बोड़ला, कवर्धा, पंडरिया, और सहसपुर लोहारा—में संचालित विद्यालयों में लागू किया जाएगा।
*30 दिवसीय प्रशिक्षण: आत्मरक्षा के गुर सीखेंगी बालिकाएं*
जिला मिशन समन्वयक नकुल प्रसाद पनागर ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत बालिकाओं को 30 दिनों तक प्रतिदिन एक घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण विद्यालय प्रारंभ होने से पहले या समाप्ति के बाद आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए जरूरी कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करना है, ताकि वे किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति का सामना कर सकें।
*प्रशिक्षकों का चयन: श्रेष्ठता पर जोर*
कार्यक्रम के लिए योग्य और कुशल प्रशिक्षकों का चयन सुनिश्चित करने हेतु, कलेक्टर गोपाल वर्मा की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय चयन समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति प्रशिक्षकों का चयन उनकी दक्षता और अनुभव के आधार पर करेगी। चयनित प्रशिक्षक जिले के विभिन्न विद्यालयों में जाकर छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगे।
*महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम*
यह प्रशिक्षण न केवल छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उनमें साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा देगा। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम बालिकाओं को यह संदेश देता है कि वे अपनी सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम हैं।
*स्कूल और अभिभावकों में उत्साह*
इस पहल के प्रति विद्यालयों के शिक्षक और अभिभावक भी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि आत्मरक्षा के इन गुरों से बालिकाएं मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगी।
*राज्य सरकार की अनूठी पहल*
समग्र शिक्षा अभियान के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल है। यह कार्यक्रम रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगना से प्रेरणा लेकर हर बालिका को सशक्त बनाने का प्रयास है।
यह कार्यक्रम न केवल बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देगा, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध होगा।