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छत्तीसगढ़ में सांसद निधि खर्च: बृजमोहन अग्रवाल सबसे आगे, संतोष पांडेय सबसे पीछे; प्रदेश में 1270 कार्य अधूरे

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रायपुर छत्तीसगढ़ के सांसदों द्वारा सांसद निधि (एमपीलैड्स) के खर्च को लेकर ताजा आंकड़े सामने आए हैं। रायपुर से सांसद बृजमोहन अग्रवाल इस मामले में सबसे आगे हैं। उन्होंने अब तक 69 कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपए की अनुशंसा की है। वहीं, राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडेय केवल 14 कार्यों के लिए 76 लाख 49 हजार रुपए की अनुशंसा कर सबसे पीछे रहे हैं।

प्रदेश के अन्य लोकसभा सांसदों की स्थिति पर नजर डालें तो रायगढ़ से सांसद राधेश्याम राठिया ने 72 कार्यों के लिए 4 करोड़ 89 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। दुर्ग से विजय बघेल ने 61 कार्यों के लिए 1 करोड़ 81 लाख रुपए खर्च किए हैं। कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत ने 134 कार्यों के लिए 4 करोड़ 54 लाख रुपए खर्च किए हैं। कांकेर से भोजराज नाग ने 55 कार्यों के लिए 3 करोड़ 97 लाख रुपए की अनुशंसा की है। जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े ने 61 कार्यों के लिए 4 करोड़ 83 लाख रुपए खर्च किए हैं। महासमुंद से रूपकुमारी चौधरी ने 66 कार्यों के लिए 3 करोड़ 47 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। बिलासपुर से तोखन साहू ने 72 कार्यों के लिए 4 करोड़ 89 लाख रुपए का उपयोग किया है। बस्तर से महेश कश्यप ने 86 कार्यों के लिए 4 करोड़ 48 लाख रुपए और सरगुजा से चिंतामणि महाराज ने 149 कार्यों के लिए 4 करोड़ 60 हजार रुपए की अनुशंसा की है।

राज्यसभा सांसदों की बात करें तो फूलोदेवी नेताम ने 154 कार्यों के लिए 16 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च कर सबसे आगे स्थान बनाया है। उनके बाद केटीएस तुलसी ने 201 कार्यों के लिए 13 करोड़ 18 लाख 87 हजार रुपए, रंजीत रंजन ने 193 कार्यों पर 14 करोड़ 47 लाख 56 हजार रुपए, और राजीव शुक्ला ने 2 कार्यों पर 5 करोड़ 70 लाख रुपए खर्च किए हैं। वहीं राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह अब तक कोई कार्य स्वीकृत नहीं कर सके हैं। उन्होंने कहा है कि जनता के हित में जरूरी कार्यों का अध्ययन कर स्वीकृति दी जाएगी।

एमपीलैड्स पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के लोकसभा सांसदों को केंद्र से कुल 107 करोड़ 80 लाख रुपए का फंड जारी किया गया था, लेकिन इसके एवज में अब तक केवल 43 करोड़ 28 लाख रुपए खर्च हो सके हैं। वहीं राज्यसभा सांसदों को 78 करोड़ 65 लाख रुपए की राशि मिली थी, जिसमें से 49 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा सांसदों ने 821 कार्यों के लिए निधि स्वीकृत कराई, परंतु इनमें से अब तक सिर्फ 35 कार्य पूरे हो पाए हैं। राज्यसभा सांसदों द्वारा स्वीकृत 550 कार्यों में से भी केवल 66 कार्य पूरे हुए हैं।

निर्माण एजेंसियों की धीमी गति के कारण भी कार्यों की प्रगति प्रभावित हुई है। प्रदेशभर में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों द्वारा अनुशंसित 1371 कार्यों में से मात्र 101 कार्य पूर्ण हुए हैं, जबकि 1270 कार्य अब भी अधूरे पड़े हैं।

नए दिशा-निर्देशों के तहत अब सांसदों को एकमुश्त 5 करोड़ रुपए का फंड जारी किया जाता है और यदि कार्य समय पर पूरे नहीं होते तो अगले वित्तीय वर्ष में भी इस निधि का उपयोग संभव होता है। इसके बावजूद 2024 लोकसभा चुनावों के बाद चुने गए सांसदों में से केवल एक सांसद बृजमोहन अग्रवाल ही 5 करोड़ रुपए का पूरा फंड खर्च कर पाए हैं।



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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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