कबीरधामकवर्धा

नौतपा में कबीरधाम जिले में 44 डिग्री तापमान, लू जैसी लहर, प्रशासन अलर्ट

कलेक्टर  महोबे ने लू और ग्रीष्म ऋतु से बचाव एवं तैयारियों के लिए बीस से अधिक विभाग के अधिकारियों की ली संयुक्त बैठक

कवर्धा, 29 मई 2024। कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने आज यहां बीस से अधिक विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रीष्म ऋतु से बचाव एवं तैयारियों के लिए साझा बैठक ली। नौतपा में बढ़ती गर्मी और लू जैसे लहरों से बचाव के उपाय करने के लिए अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि नौतपा का मौसम चल रहा हैं। इस मौसम में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही हैं। इधर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए प्रदेश के बीस जिलों में बुधवार और गुरूवार को लू जैसी स्थिति से अलर्ट करने के लिए कहा है। कबीरधाम जिले में बुधवार दोपहर एक से दो बजे के बीच में 44 डिग्री तापमान दर्ज की गई है।

कलेक्टर ने जनमेजय महोबे ने अधिकारियों की बैठक लेकर कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक तापमान में औसत रूप से हर वर्ष वृद्धि दर्ज हो रही है। जिसके कारण माह अप्रैल, से जून के दौरान भीषण गर्मी पड़ने और लू जैसी हलात बनने लगी है। बडे तामपान से जनसधारण को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में बच्चों को भी गांवों में खेलते हुए देखा जा रहा है। खेल-कूद स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन हमे ग्रीष्म ऋतु से लू से बचने की भी जरूरत है। इसी प्रकार वृद्धजनों, दैनिक श्रमिको-मजदूरों एवं बसों में परिवहन करने वाले आमजनों को भी लू से बचने की जरूरत है। कलेक्टर  महोबे ने सभी नगरीय निकायों के प्रमुख चौक चौराहों, और पंचायत एवं ग्रमाण विकास को जिले के प्रमुख मार्गों में स्थित चौक-चौराहो पर शीतल पेयजल की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, उर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, पशुपालन चिकित्सा, गृह, परिवहन, शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन विभाग, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, जल संसाधन नगरीय निकाय, श्रम एवं रोजगार, कृषि, खाद्य, समाज कल्याण, खनिज, जिला एवं उद्योग के अधिकारियों को ग्रीष्म ऋतु के बचाव एवं राहत के लिए अलग-अलग दायित्व दिए गए है। साथ ही कलेक्टर ने जिले के आमजनों से आग्रह करते हुए कहा कि चुकि मौसम विभाग ने भी प्रदेश के बीस जिलों सहित कबीरधाम जिले में लू जैसी हालात निर्मित होने के लिए अलर्ट जारी किया है, इसलिए हम सभी को ग्रीष्म ़ऋतु में होने वाले बीमारियों के बचाव के लिए सर्तक और सजग रहने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि बहुत जरूरी काम हो तभी घरों से बाहर निकलने की आवश्यकता है।

 

लू के लक्षण –

 

सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना आदि लक्षण शामिल है।

 

लू से बचाव के उपाय-

 

लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतः नमक की कमी हो जाना होता है। इसके लिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जाये। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध ले। पानी अधिक मात्रा में पिये। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान मुलायम सूती कपड़े पहने ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ. आर. एस. घोल पिये। चक्कर, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें। शीतल पेय जल पिये, फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श ले। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह ले।

 

लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार –

 

बुखार से पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटायें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें, पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जायें, आंगनबाड़ी मितानिन तथा ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें।

 

क्या करें –

 

भीषण गर्मी में लू से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीये भले ही प्यास न लगे, मिर्गी या हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने। अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस घोल, घर के बने पेय जैसे- लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का सेवन करें।

 

लू से बचाव के उपाय

 

गर्मी के दौरान बाहर न जाएं। यदि आपको आवश्यक कार्य के लिए बाहर जाना है, तो दिन के शीतलन घंटों के दौरान अपनी सारणी निर्धारित करने का प्रयास करें। अत्यधिक गर्मी के घंटों के दौरान बाहर जाने से बचें विशेष रूप से दोपहर 12.00 बजे से 3.00 बजे के बीच। नंगे पैर या बिना चेहरे को ढ़के और बिना सिर ढ़ककर बाहर न जाएं।’ व्यस्थतम समय (दोपहर) के दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने वाले क्षेत्रों (रसोई घरों) में दरवाजे और खिड़कियां खोल कर रखें, जिससे पर्याप्त रूप से हवा आ सके। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय, पीने से बचें जो शरीर को निर्जलित करते हैं। उच्च प्रोटीन, मसालेदार और तेलीय भोजन खानें से बचे, बासी खाना न खाएं। बीमार होने पर बाहर धूप में न जाएं, घर पर रहें।

 

अन्य सावधानियां-

 

जितना हो सके घर के अंदर रहे, अपने घर को ठंडा रखें धूप से बचाव के लिए पर्दे, शटर का उपयोग करें और खिडकियां खोलें। निचली मजिलों पर बने रहने का प्रयास करें।’ पंखो का उपयोग करें, कपड़ों को नम करे और अधिक गर्मी में ठंडे पानी में ही स्नान करें। यदि आप बीमार महसूस करते है उच्च बुखार, लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, मतली या भटकाव, लगातार खासी, सांरा की तकलीफ है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं जानवरों को छाया में रखे और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें।

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button