
कवर्धा, 16 अक्टूबर 2025। सौर ऊर्जा से किफायती बिजली पैदा कर घरों को रोशन करने और बिजली बिल में बड़ी राहत के उद्देश्य से पीएम सूर्यघर योजना में मिल रही भारी सब्सिडी से अब सोलर सिस्टम की लागत काफी कम हो गई है। पीएम सूर्यघर योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के साथ राज्य सरकार भी सब्सिडी दे रही है। केंद्र सरकार द्वारा 78 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है, वहीं राज्य सरकार ने 30 हजार तक सब्सिडी प्रदान किया जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं को दोहरा लाभ होगा। एक ओर जहां बिजली बिल में राहत मिल रही है वहीं सब्सिडी से सोलर सिस्टम लगाने की लागत भी काफी कम आ रही है।
केंद्र व राज्य शासन की सब्सिडी से लागत में बड़ी राहत
प्रधानमंत्री सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना में केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा भी हितग्राहियों को 30 हजार तक की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। जिससे सोलर सिस्टम लगाने की लागत काफी कम हो गई है। इसमें 1 किलो व्हाट लगाने की लागत करीब 60 हजार रूपये आती है, इस पर केंद्र से 30 हजार और राज्य से 15 हजार सहित कुल 45 हजार रूपये सब्सिडी मिलते हैं, उपभोक्ता पर सिर्फ 15 हजार रुपए का भार आता है। इसी प्रकार 2 किलो वाट पर 1 लाख 20 हजार रुपए की लागत पर केंद्र से 60 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 90 हजार सब्सिडी उपभोक्ता को प्राप्त होती है। उपभोक्ता को जेब से सिर्फ 30 हजार रुपए देने पड़ेंगे, जो कि वास्तविक लागत का सिर्फ 25 प्रतिशत है। वहीं 3 किलो व्हाट पर 1 लाख 80 हजार लागत के विरुद्ध केंद्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार कुल 1 लाख 08 हजार की सब्सिडी दी जा रही है, इसमें सिर्फ 72 हजार उपभोक्ता को देने होंगे। 3 किलो व्हाट या उससे अधिक क्षमता पर 1 लाख 08 हजार की सब्सिडी स्थिर रहेगी।
सोलर पैनल लगवाने के बाद माइनस में आ रहा बिल
ओंकार साहू ने बताया कि अप्रैल माह से उन्होंने घर में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर पैनल लगवाया है। सोलर पैनल लगने के बाद से बिजली बिल में असर साफ दिख रहा है। पहले हर महीने लगभग 1 हजार से 15 सौ तक बिजली बिल आता था। अब बिल माइनस में आ रहा है। वे बताते हैं कि आठवें महीने में उन्होंने बिजली विभाग से 158 यूनिट बिजली इंपोर्ट की वहीं सोलर पैनल से 290 यूनिट बिजली एक्सपोर्ट की। पिछले माहों के दौरान भी अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होने पर उसे विद्युत विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर करने पर उतनी राशि उनके बिल में समायोजित की गई थी। जिसके कारण उनका अगस्त माह का बिल माइनस 755 रुपए रहा। वहीं नवें महीने में भी विभागीय बिजली की खपत की तुलना में सोलर पैनल से उत्पादन यूनिट अधिक रहा। जिससे बिजली का बिल पुनः नकारात्मक होकर माइनस 784 रूपये रहा। वे कहते हैं कि उन्होंने पीएम सूर्यघर योजना के पहले नकारात्मक बिल आने के बारे में कल्पना नहीं की थी। यह योजना तकनीक का उपयोग लोगों की आर्थिक बचत को बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और कारगर पहल है। ओंकार साहू कहते हैं कि इस योजना से न केवल बिजली बिल में राहत मिली है, बल्कि आने वाले समय के लिए ऊर्जा स्त्रोत के लिए एक प्रभावी विकल्प तैयार किया जा रहा है। पीएम सूर्यघर योजना सौर ऊर्जा जैसे स्थायी माध्यम का उपयोग कर उपभोक्ताओं के लिए मुफ्त बिजली की अवधारणा को वास्तविक रूप में क्रियान्वित कर रहा है।
