
आज दिनांक 22 मार्च 2025 को थाना पिपरिया एवं चौकी चरभाठा में मालवाहक वाहन चालकों एवं वाहन स्वामियों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य केवल चालानी कार्रवाई तक सीमित नहीं था, बल्कि *लोगों को जागरूक करना और सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी को जन-भागीदारी के माध्यम से मजबूत करना था।*
पुलिस अधीक्षक * धर्मेंद्र सिंह (IPS)* के निर्देशानुसार, *अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल और पंकज पटेल के मार्गदर्शन में, संबंधित एसडीओपी के पर्यवेक्षण में एवं थाना प्रभारियों द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है।*
बैठक में वाहन चालकों को विस्तार से समझाया गया कि मालवाहक वाहन केवल माल परिवहन के लिए बनाए गए हैं, न कि सवारियों को ढोने के लिए। इन वाहनों में सवारी बैठाने से *न केवल चालक और सवारियों की जान खतरे में पड़ती है, बल्कि सड़क पर चल रहे अन्य वाहन चालकों के लिए भी गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।*
पुलिस द्वारा बताया गया कि ऐसी लापरवाही से होने वाले हादसों के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं—
– *असंतुलन और पलटने की संभावना:* मालवाहक वाहन में सवारी बैठाने से उसका भार असमान रूप से वितरित हो जाता है, जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है। तेज गति, तीव्र मोड़ या ऊबड़-खाबड़ सड़क पर यह वाहन पलट सकता है, जिससे जानमाल की भारी क्षति हो सकती है।
– *तेज ब्रेक लगाने पर गंभीर चोटें:* मालवाहक वाहनों में बैठी सवारियां किसी सुरक्षा उपाय (सीट बेल्ट आदि) से सुरक्षित नहीं होतीं। अचानक ब्रेक लगने पर सवारियों के गिरने और गंभीर चोट लगने की संभावना रहती है।
– *ज्वलनशील पदार्थों से आग और विस्फोट का खतरा:* कई बार मालवाहक वाहन में यदि सवारियां बैठी हों और किसी दुर्घटना में आग लग जाए, तो हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है।
– *बंद बॉडी वाले वाहनों में दम घुटने का खतरा:* कुछ वाहन पूरी तरह बंद बॉडी के होते हैं, जिनमें उचित वेंटिलेशन नहीं होता। गर्मी में ऑक्सीजन की कमी से सवारियां बेहोश हो सकती हैं, यहां तक कि दम घुटने से मौत भी हो सकती है।
– *बीमा कंपनियां मुआवजा नहीं देतीं:* यदि ऐसे किसी हादसे में सवारियों की मौत होती है या वे घायल होते हैं, तो बीमा कंपनियां मुआवजा देने से इनकार कर देती हैं, क्योंकि यह नियमों के विरुद्ध होता है। इससे वाहन मालिक को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
*पुलिस का जनजागरूकता अभियान – केवल दंड नहीं, सुरक्षा का संदेश*
*जिले के सभी थाना-चौकियों में लगातार वाहन चालकों और स्वामियों को इस विषय पर जागरूक किया जा रहा है।* केवल चालान काटना ही इसका समाधान नहीं है, बल्कि *लोगों को नियमों की गंभीरता समझाना और उनका सहयोग प्राप्त करना ही वास्तविक सफलता है।*
बैठक के दौरान पुलिस अधिकारियों ने बताया कि—
– मालवाहक वाहन चालकों को *यातायात नियमों की जानकारी देने के लिए नियमित बैठकों का आयोजन किया जाएगा।*
– वाहन चालकों को *इस विषय पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया जाएगा*, ताकि वे स्वयं भी जागरूक रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
– सभी चालकों से *शपथ पत्र भरवाया गया कि वे भविष्य में अपने मालवाहक वाहनों में सवारी नहीं बैठाएंगे।*
– इसके अतिरिक्त, *बस स्टैंड, चौक-चौराहों और प्रमुख बाजारों में पुलिस द्वारा मुनादी करवाई जाएगी, जिससे आम जनता को भी इस नियम की जानकारी हो और वे स्वयं भी मालवाहक वाहनों में यात्रा करने से बचें।*
*जनता की भागीदारी ही असली सफलता*
पुलिस प्रशासन ने अपील की है कि *इस अभियान में जनता की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है।* यदि लोग स्वयं इन नियमों का पालन करेंगे और अपने आस-पास भी अन्य लोगों को इसके लिए प्रेरित करेंगे, तो सड़क हादसों में स्वतः कमी आ जाएगी। पुलिस केवल निगरानी और कानून लागू करने का कार्य कर सकती है, लेकिन जब तक आम नागरिक खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक दुर्घटनाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता।
सभी वाहन चालक, वाहन स्वामी और नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे—
1. मालवाहक वाहनों में सवारी न करें और न ही बैठाएं।
2. सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।
3. किसी भी वाहन चालक द्वारा इस नियम के उल्लंघन की सूचना नजदीकी थाना-चौकी में दें।
4. यदि कोई वाहन चालक जान-बूझकर इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षित यातायात के लिए *आपका सहयोग ही सबसे बड़ी शक्ति है।* जिला कबीरधाम पुलिस अपने जनहितकारी प्रयासों को लगातार जारी रखेगी और सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
