क्राईम (अपराध)

ब्लैकमेलिंग का हाईटेक खेल: वॉयस चेंजर से महिला बनकर डराता था ‘मंत्री जी’ का फर्जी निज सचिव; पुलिस ने ‘फर्जी पत्रकार गैंग’ को किया गिरफ्तार

कवर्धा सरकारी कर्मचारियों को झूठी खबरों का भय दिखाकर ब्लैकमेल कर अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकार गैंग का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों अमन बिसारिया, रियाज अत्तारी, फिरोज खान और अजय जांगड़े को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें अमन बिसारिया वॉयस चेंजर ऐप के जरिए महिला की आवाज में फोन कर अधिकारियों को धमकाता और पैसे वसूलता था। आरोपियों पर थाना कवर्धा में धारा 319(2), 308(2), 61(2) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।

शिकायत पर हुई कार्रवाई

गत 18 मार्च को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिंभौरी में कार्यरत ग्रामीण चिकित्सा सहायक मदन सिंह पुरले और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोंडी में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी प्रभात गुप्ता ने थाना कवर्धा में शिकायत दर्ज कराई थी। दोनों ने आरोप लगाया था कि कुछ कथित पत्रकार झूठी खबरें प्रकाशित करने और प्रशासनिक कार्रवाई की धमकी देकर उनसे पैसे वसूल रहे हैं।

मदन सिंह पुरले ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपियों ने उनसे वित्तीय अनियमितताओं की खबर छापने और निलंबन करवाने की धमकी देकर ₹10,000/- की अवैध वसूली की। यह राशि क्यूआर कोड के माध्यम से खाते में ट्रांसफर और नगद दी गई थी। वहीं, प्रभात गुप्ता ने आरोप लगाया कि फर्जी पत्रकारों ने उनके खिलाफ झूठी खबरें प्रकाशित कर मानसिक प्रताड़ना दी और निलंबन की धमकी देकर ₹32,000/- वसूले।

फर्जी पत्रकारों का नेटवर्क

पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह न्यूज पोर्टल की आड़ में ब्लैकमेलिंग कर रहा था। गिरोह का मुख्य सरगना अमन बिसारिया खुद को ‘मंत्री जी का निज सचिव’ और विजिलेंस अधिकारी बताकर अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बनाता था। वह वॉयस चेंजर ऐप का उपयोग कर महिला की आवाज में फोन कर धमकाता और पैसे मांगता था।

 

रियाज अत्तारी ‘टाइम्स न्यूज इंडिया’ पोर्टल का संचालक था, जिसने शिकायतकर्ता से ₹10,000/- की मांग की थी। फिरोज खान (24 CG News) और अजय जांगड़े भी इसी गिरोह से जुड़े थे, जो झूठी खबरें प्रकाशित कर उगाही करते थे। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इनमें से किसी के पास पत्रकारिता का कोई अधिकृत प्रमाण पत्र या जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त दस्तावेज नहीं थे।

तेजी से हुई कार्रवाई, चारों आरोपी गिरफ्तार

शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल और एसडीओपी कृष्ण कुमार चंद्राकर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी लालजी सिन्हा के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी में साइबर सेल के अधिकारी ASI चंद्रकांत तिवारी, संजीव तिवारी, प्रआर चुम्मन साहू, अभिनव तिवारी और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस ने गिरोह के अन्य संभावित सदस्यों की भी जांच शुरू कर दी है।




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