कैबिनेट बैठक : राजनीतिक प्रकरणों की “वापसी मेला”, मंत्रिपरिषद ने 54 मामलों पर लगाई मुहर
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने विशुद्ध राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित 54 प्रकरणों को जनहित में न्यायालय से वापस लेने की मंजूरी दी।
इन प्रकरणों को वापस लेने के संबंध में गठित मंत्रिपरिषद की उप समिति द्वारा अनुशंसा की गई थी, जिसे अब कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। इस फैसले के तहत, इन 54 मामलों पर आगामी कार्यवाही जल्द शुरू की जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र हितग्राहियों को चना वितरण के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को NeML ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवश्यक चना उपार्जन की अनुमति दी। इसके अलावा, मंत्रिपरिषद ने विशुद्ध राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित 54 प्रकरणों को न्यायालय से जनहित में वापस लेने की मंजूरी दी।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में मक्का उपार्जन और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत दलहन-तिलहन और रबी विपणन मौसम 2025-26 में चना, मसूर, सरसों के उपार्जन के लिए नेफेड और एनसीसीएफ को प्रोक्योरमेंट एजेंसी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
किसानों को उन्नत किस्म के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को विशेष छूट देने का फैसला किया गया, जिससे बीज क्रय भारत सरकार द्वारा इम्पैनल्ड सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी से सीधे किया जा सकेगा।
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पम्प स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2023 में हरित ऊर्जा विकास शुल्क को समाप्त करने का निर्णय लिया, जिससे जल विद्युत परियोजनाओं एवं ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षाओं को केन्द्रीकृत करने का निर्णय लिया गया और छत्तीसगढ़ राज्य में हुडको से आवास और नगरीय विकास के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया।
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा प्राप्त भूमि को आवासीय प्रयोजन में परिवर्तित करने पर व्यपवर्तन शुल्क, अर्थदंड और भू-राजस्व के पुनर्निर्धारण से छूट देने का भी निर्णय लिया, जिससे हाउसिंग बोर्ड के मकान क्रेताओं को लाभ होगा।