BJP में संगठनात्मक असमंजस? कवर्धा विधानसभा के 7 मंडलों की घोषित समितियां एक दिन बाद ही स्थगित

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कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संगठनात्मक प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। गुरुवार को घोषित की गई कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के सात मंडलों की समितियों को पार्टी ने महज 24 घंटे के भीतर स्थगित कर दिया है। इस निर्णय को लेकर स्थानीय संगठन में नाराजगी और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
यह आदेश भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश महामंत्री और मुख्यालय प्रभारी रामू रोहरा द्वारा जिलाध्यक्ष को भेजे गए पत्र के माध्यम से जारी किया गया। पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि यह निर्णय प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के निर्देशानुसार लिया गया है। हालांकि, स्थगन का कोई ठोस कारण पत्र में नहीं दर्शाया गया, जिससे अटकलों का दौर तेज हो गया है।
स्थानीय स्तर पर इसे संगठन और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी के भीतर सूत्रों के मुताबिक, जिन नामों की घोषणा की गई थी, उनमें कई चयन विवादित माने जा रहे थे और उन्हें लेकर आंतरिक असहमति थी, जिसे प्रदेश नेतृत्व ने संज्ञान में लिया।
स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच भी इस फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी की घोषित समितियों को स्थगित किए जाने से कई सक्रिय कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित और असमर्थ महसूस कर रहे हैं। बंद दरवाजों के भीतर इस मुद्दे को लेकर तीखी चर्चाएं हो रही हैं। एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लगातार निर्णयों को बदलना कार्यकर्ताओं के मनोबल को प्रभावित कर रहा है और इससे संगठन में अस्थिरता बढ़ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम भाजपा के भीतर चल रही गुटबाज़ी और संवादहीनता को उजागर करता है। ऐसे समय में इस प्रकार की उलझनें संगठन के भीतर गहराते असंतुलन को उजागर करती हैं।
अब तक प्रदेश नेतृत्व की ओर से इस स्थगन के कारणों या आगे की प्रक्रिया को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह स्थिति न केवल स्थानीय स्तर पर भ्रम पैदा कर रही है, और आगामी दिनों में पार्टी द्वारा स्थिति स्पष्ट की जाती है या नहीं, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
देखें, भाजपा प्रदेश महामंत्री रामू रोहरा द्वारा जिलाध्यक्ष को भेजा गया पत्र –
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