
नए साल का काउंडडाउन शुरू हो गया है। एक ओर पार्टी और जश्न का माहौल है, वहीं तमाम लोग मंदिरों में प्रार्थना के लिए पहुंच रहे हैं। रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर और दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
इसके अलावा डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, रायपुर स्थित राम मंदिर, बागबाहरा का चंडी मंदिर, अंबिकापुर का महामाया मंदिर और घुंचापाली चंडी माता मंदिर में खास तैयारियां की गई हैं। घुंचापाली चंडी माता मंदिर में विशेष रूप से दर्शन के लिए आने वाले भालुओं को लेकर प्रसिद्ध है।
इन मंदिरों तक कैसे पहुंचे, यहां दर्शन की व्यवस्था और गाइडलाइन को लेकर पढ़िए रिपोर्ट…
- दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर : हर दिन पहुंच रहे 4 हजार लोग

नए साल पर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में हर दिन करीब 4 हजार भक्त दर्शन कर रहे हैं। इसमें बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हैं। इस बार 1 जनवरी से भक्तों को VIP दर्शन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 2100 रुपए की पर्ची कटवानी पड़ेगी। पहले यह सुविधा सिर्फ नवरात्र में ही दी जा रही थी।
मान्यता है कि यहां माता सती का दांत गिरा
प्रधान पुजारी हरेंद्र नाथ जिया ने बताया कि, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब विष्णु भगवान ने अपने चक्र से सती के शरीर को 52 भागों में विभक्त किया था। तब उनके शरीर के 51 अंग देशभर के विभिन्न हिस्सों में गिरे थे और 52वां अंग उनका दांत यहां गिरा था। इसलिए देवी का नाम दंतेश्वरी और जिस ग्राम में दांत गिरा उसका नाम दंतेवाड़ा पड़ा।
होटल और धर्मशाला में 1500 रुपए तक में मिल सकता है कमरा
बाहर से दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को यहां 1 हजार रुपए से लेकर 1500 रुपए तक में कमरे मिल जाते हैं। सुकमा, कोंटा और तेलंगाना से आने वाले भक्त दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय और बीजापुर, जगदलपुर और रायपुर की तरफ से आने वाले भक्त गीदम और दंतेवाड़ा दोनों जगहों में होटल और धर्मशाला में रुक सकते हैं।
- रायपुर स्थित राम मंदिर : सुबह से रात तक होंगे भगवान के दर्शन

रायपुर स्थित राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए नए साल में सुबह से लेकर आधी रात तक दर्शन की व्यवस्था की गई है। भक्त मंदिर के पुजारी हनुमंत लाल ने बताया कि लोग बड़ी तादाद में इस दिन पहुंचते हैं। इसलिए मंदिर सुबह 5.30 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहेगा। आम दिनों में दोपहर में बंद कर दिया जाता है।
- बिलासपुर स्थित महामाया मंदिर: 2 दिन में 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे

बिलासपुर के रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में 31 दिसंबर और एक जनवरी को एक लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है। सुबह 3 बजे से लेकर रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है। पहाड़ और जंगल से घिरे इस स्थान पर घोंघा जलाशय, चांपी जलाशय भी है, जहां लोग मनोरंजन के लिए पहुंचते हैं।
घूमने के लिए आसपास प्रमुख पर्यटन केंद्र
रतनपुर में कका पहाड़, लखनी देवी, रामटेकरी, नक्षत्र वाटिका, खूंटाघाट डैम, दुलहरा सरोवर, बादल महल, कोठी पहाड़ सहित ऐतिहासिक किला है, जो प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं। एडिशनल एसपी ग्रामीण अर्चना झा ने बताया कि मंदिर और पिकनिक स्पॉट की सुरक्षा के लिए पुलिस अलर्ट है। अतिरिक्त बल मुहैया कराया जाएगा।
- अंबिकापुर में महामाया मंदिर : VIP दर्शन की कोई सुविधा नहीं

अंबिकापुर स्थित मां महामाया मंदिर छत्तीसगढ़ के शक्ति-पीठों में से एक है। सरगुजा राजपरिवार की कुलदेवी भी हैं। मां महामाया को छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार महादेवी का धड़ अंबिकापुर और सिर रतनपुर महामाया मंदिर में रखा गया है। नए साल पर मंदिर में VIP दर्शन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
मंदिर के आसपास दर्शनीय स्थल
महामाया मंदिर की पहाड़ी के ऊपर करीब दो किलोमीटर की दूरी पर आक्सीजन पार्क है। यह स्थल वन विभाग की ओर से मेंटेन किया जाता है। यहां झूले और वॉच टावर भी हैं। वॉच टावर से शहर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
- डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी मंदिर : दो दिन में 4 लाख श्रद्धालु आएंगे दर्शन करने

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर है। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। मंदिर में हजारों की संख्या में लोग रोजाना ही दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में VIP दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं है।
मंदिर में भंडारा, रेस्टोरेंट और होटल भी
मंदिर के आस-पास सैकड़ों रेस्टोरेंट है। वहीं मंदिर ट्रस्ट ऊपर सुबह 11 बजे से 10 रुपए में भंडारे का आयोजन करता है। भोजन पूरी तरह से सात्विक रहता है। जिसमें दाल, चावल, सब्जी और आचार मिलता है। जिसे माता को अर्पित करने के बाद प्रसादी के रूप में भक्तों को परोसा जाता है।
महासमुंद स्थित चंडी मंदिर : जहां भालू सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र

महासमुंद के बागबहारा स्थित मां चंडी मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां नवरात्रि पर हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन नए साल में पर्यटन पर जोर ज्यादा रहता है। इसका बड़ा कारण मंदिर में भालुओं के दर्शन के लिए आना है। उन्हें देखने के लिए सुबह और शाम लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।
300 से लेकर 1000 रुपए में कमरा
मंदिर परिसर से लगी धर्मशाला है, जिसमें AC, NON AC डबल बेड के 15 कमरे है। रेंट 300 से लेकर 1000 रुपए है। जो भी श्रद्धालु धर्मशाला के हॉल में ठहरना चाहते हैं, उनके लिए भी 50 रुपए शुल्क पर गद्दा तकिया दिया जाता है। भोजन के लिए स्वयं की व्यवस्था रखनी पड़ती है।
