कबीरधामकवर्धा

रक्षाबंधन का त्योहार, क्या है इससे जुड़ी मान्यता और पौराणिक कथा

कवर्धा-रक्षाबंधन त्योहार को मनाने की शुरुआत बहुत पौराणिक है . ऐसा कहा जाता है कि इस त्योहार को देवी – देवताओं के समय से मनाया जा रहा है. यहां जानते हैं यह पवित्र त्योहार क्यों मनाया जाता है.
: क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार, क्या है इससे जुड़ी मान्यता और पौराणिक कथा
रक्षाबंधन की प्रतिकात्मक तस्वीर।
रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू धर्म का ऐसा त्योहार है जिसे भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है . उस दिन भाई अपनी बहन की जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांधती हैं, मिठाई खिलाती हैं और भाई की आरती उतारती हैं . इसके बादअपनी बहन को कुछ तोहफा देकर जिन्दगी भर रक्षा करने का वचन देता है . यह पर्व हर साल बहुत ही पवित्र दिन यानि श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है . इस त्योहार को राखी के नाम से भी जाना जाता है . इस साल 2023 में राखी 30 और 31 अगस्त को मनाई जाएगी .
हिंदू धर्म के पवित्र त्योहारों में से एक और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक राखी का त्यौहार ढेर सारी खुशियां लेकर आता है. रक्षाबंधन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा + बंधन अथार्त् रक्षा का बंधन , यानी इस रक्षा सुत्र को बंध जाने के बाद एक भाई अपनी बहन की रक्षा करने को बाध्य हो जाता है . रक्षाबंधन त्योहार को मनाने की शुरुआत बहुत पौराणिक है . ऐसा कहा जाता है की इस त्योहार को देवी – देवताओं के समय से मनाई जा रहा है .आइए यहां जानते हैं यह पवित्र त्योहार क्यों मनाया जाता है.

????मां संतोषी की कहानी????
एक दिन भगवान श्री गणेश जी अपनी बहन मनसा देवी से रक्षा सूत्र बंधवा रहे थे तभी उनके दोनों पुत्र शुभ और लाभ ने देख लिया और इस रस्म के बारे में पूछा तब भगवान श्री गणेश ने इसे एक सुरक्षा कवच बताया. उन्होंने बताया की यह रक्षा सूत्र आशीर्वाद और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है . यह सुन कर शुभ और लाभ ने अपने पिता से ज़िद की कि उन्हें एक बहन चाहिए और अपने बच्चों की जिद के आगे हार कर भगवान गणेश ने अपनी शक्तियों से एक ज्योति उत्पन्न की और अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की आत्मशक्ति के साथ इसे सम्मिलित किया. उस ज्योति से एक कन्या (संतोषी) का जन्म हुआ और दोनों भाइयों को रक्षाबंधन के मौके पर एक बहन मिली.

????मां लक्ष्मी ओर राजा बलि की कहानी????
एक बार की बात है जब असुर राजा बलि के दान धर्म से खुश होकर भगवान विष्णु ने उससे वरदान मांगने को कहा तो राजा बलि ने विष्णु भगवान से अपने साथ पाताल लोक में चलने को कहा और उनके साथ वही रह जाने का वरदान मांगा. तब विष्णु भगवान उनके सात बैकुंठ धाम को छोड़ कर पाताल लोक चले गए. बैकुंठ में माता लक्ष्मी अकेली पड़ गईं और भगवान विष्णु को दोबारा वैकुंठ लाने के लिए अनेक प्रयास करने लगीं. फिर एक दिन मां लक्ष्मी राजा बलि के यहां एक गरीब महिला का रूप धरण कर के रहने लगीं. जब मां एक दिन रोने लगी तब राजा बलि ने उनसे रोने का करण पूछा. मां ने बताया कि उनका कोई भाई नहीं है इसलिए वे उदास हैं. ऐसे में राजा बलि ने उनका भाई बनकर उनकी इच्छा पूरी की और माता लक्ष्मी ने राजा बलि की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा. फिर राजा बलि ने उनसे इस पवित्र मौके पर कुछ मांगने को कहा तो मां लक्ष्मी ने विष्णु जी को अपने वर के रूप में मांग लिया और इस रह श्री विष्णु भगवान बैकुंठ धाम वापस आए.

????श्री कृष्ण और द्रौपदी की कहानी????
माहाभारत के दौरान एक बार राजसूय यज्ञ के लिए पांडवों ने भगवान कृष्ण को आमंत्रित किया. उस यज्ञ में श्री कृष्ण के चचेरे भाई शिशुपाल भी थे. उस दौरान शिशुपाल ने भगवान कृष्ण का बहुत अपमान किया. जब पानी सिर के ऊपर चला गया तो भगवान कृष्ण को क्रोध आ गया. क्रोध में भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल पर अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया लेकिन शिशुपाल का सिर काटने के बाद जब चक्र भगवान श्री कृष्ण के पास लौटा तो उनकी तर्जनी उंगली में गहरा घाव हो गया. यह देख कर द्रौपदी ने अपनी साड़ी से एक टुकड़ा फाड़कर भगवान कृष्ण की उंगली पर बांध दिया. द्रौपदी के इस स्नेह को देखकर भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और द्रौपदी को वचन दिया कि वे हर स्थिति में हमेशा उनके साथ रहेंगे और हमेशा उनकी रक्षा करेंगे.
????महारानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कहानी????
जब चित्तौड़ पर सुल्तान बहादुर शाह आक्रमण कर रहे तब महारानी कर्णावती ने अपने राज्य की सुरक्षा के लिए सम्राट हूमायूं को राखी भेजी और उनसे अपनी रक्षा की गुहार लगाई. हुमायूं ने राखी स्वीकार किया और अपने सैनिकों के साथ उनकी रक्षा के लिए चित्तौड़ निकल पड़े मगर हुमायूं के चित्तौड़ पहुंचने से पहले ही रानी कर्णावती ने आत्महत्या कर ली थी.
????यम और यमुना????
एक पौराणिक कहानी के अनुसार मृत्यु के देवता यम अपनी बहन यमुना से 12 वर्ष तक मिलने नहीं गये. तब यमुना दुखी हो गई और अपनी मां गंगा से इस बारे में बात की. मां गंगा ने यम तक यह खबर पहुंचाई कि यमुना उनकी प्रतीक्षा कर रही हैं और यह सुनते यम अपनी बहन युमना से मिलने आए. यम को देखकर यमुना बहुत खुश हुईं और उनके लिए बहुत सारे व्यंजन भी बनाए. यम यह प्रेम भाव देख कर बहुत ख़ुश हुए और उन्होंने यमुना को मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा. इस पर यमुना ने उनसे ये वरदान मांगा कि यम जल्द ही फिर से अपनी बहन के पास आए. यम अपनी बहन के स्नेह को देख कर बहुत खुश हुए .

????????जय श्री हरि जय माता लक्ष्मी????????

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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