छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नशा मुक्ति अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था। सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो गए हैं, प्रदेश में शराबबंदी तो नहीं हुई लेकिन नशामुक्ति के लिए अभियान अब शुरू होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि शराब भी नशे का ही हिस्सा है और उससे ज्यादा खतरनाक सूखा नशा है। अगर सभी नशे के खिलाफ अभियान छेड़ें तो एक माहौल बनेगा, और शराबबंदी भी हो सकती है। और नशामुक्ति भी। नशा मुक्ति में शराब, गांजा, सिगरेट, तम्बाकू और सभी आते हैं।
थर्ड फ्रंड का कोई असर नहीं होने वाला
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रदेश में थर्ड फ्रंट का कोई असर नहीं होने वाला है। क्योंकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ऐसे राज्य हैं, जहां राष्ट्रीय दलों की सीधी टक्कर होती है। बहुत लोगों ने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। पिछले चुनाव में भी बीजेपी ने जोगी कांग्रेस की पूरी मदद की, जिसमें जोगी कांग्रेस बसपा सारे मिलकर 5 सीट ही ला पाए और उपचुनाव में उनकी ताकत और कम हो गई।
बीजेपी के बयान पर पलटवार
VIP रोड का नाम बदले जाने पर अजय चंद्राकर के बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, बस्तर यूनिवर्सिटी महेन्द्र कर्मा के नाम से है। रायगढ़ यूनिवर्सिटी शहीद नंदकुमार पटेल के नाम से खोला गया है। सांकरा में महात्मा गांधी, सरगुजा में राजमाता और कोरबा में बिसाहू महंत के नाम से यूनिवर्सिटी खोली गई है। एक नाम भी अगर गांधी परिवार से आया तो बीजेपी नेताओं के शरीर में आग फूटने लग जाता है और इनका एंटीना सक्रिय हो जाता है।