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जमीन-मकान की रजिस्ट्री होगी सस्ती : सरकार ने गाइडलाइन दरों का फॉर्मूला बदला, वर्गमीटर की जगह अब डिसमिल में मूल्यांकन

 

रायपुर / कवर्धा

छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन, मकान और दुकानों की कीमत तय करने की मौजूदा प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में तय किया गया कि अब 14 वर्गमीटर तक की जमीन पर लागू गणना प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी और इसके स्थान पर पुराने डेसिमल सिस्टम से मूल्यांकन किया जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार नगर निगम क्षेत्रों में 50 डिसमिल, नगर पालिका में 37.5 डिसमिल और नगर पंचायत क्षेत्रों में 25 डिसमिल तक स्लैब के आधार पर गाइडलाइन दरें तय होंगी। इससे रजिस्ट्री की लागत में सीधे तौर पर कमी आएगी।
यह जानकारी वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार को दी और बताया कि निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

“सुधार अच्छे थे, लेकिन कंफ्यूजन ज्यादा हाइलाइट हुआ” — मंत्री ओपी चौधरी

चौधरी ने कहा कि पिछले आदेश में कई जनहितैषी सुधार हुए थे, लेकिन उन्हें सही ढंग से प्रस्तुत न किए जाने के कारण भ्रम की स्थिति बनी। नए सुझावों व ज्ञापनों के परीक्षण के बाद प्रदेश की नगरीय व्यवस्था, रियल एस्टेट सेक्टर और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। नए बदलावों से मूल्यांकन प्रक्रिया आसान और अधिक पारदर्शी होगी।

फ्लैट, दुकान और ऑफिस का मूल्यांकन अब बिल्ट-अप एरिया से

बहुमंजिला भवनों में संपत्ति अंतरण के समय अब मूल्यांकन सुपर बिल्ट-अप के बजाय केवल बिल्ट-अप एरिया के आधार पर होगा। इससे फ्लैट और दुकानों की रजिस्ट्री सस्ती होगी तथा वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ—

बेसमेंट व प्रथम तल पर 10%

द्वितीय तल और उससे ऊपर की मंज़िलों पर 20% छूट के साथ मूल्यांकन किया जाएगा।

 

कमर्शियल संपत्तियों को 25% तक राहत

मुख्य मार्ग से 20 मीटर दूर स्थित कमर्शियल प्रॉपर्टीज की गाइडलाइन दरों में 25% की कमी लागू की गई है। दूरी मुख्य सड़क की ओर बने हिस्से से मापी जाएगी, जिससे वास्तविक बाजार स्थिति के अनुरूप मूल्यांकन संभव होगा।

जमीन के मूल्यांकन में व्यापक राहत : नजूल और आबादी भूमि पर नई दरें

नजूल, आबादी और परिवर्तित भूमि पर लागू वर्गमीटर दरें खत्म कर अब कृषि भूमि की तरह हेक्टेयर दरें लागू की गई हैं। इससे जमीन के मूल्य में बड़ी गिरावट आई है।
उदाहरण के तौर पर—

रायपुर के वार्ड 28 में 1 एकड़ भूमि का मूल्य पहले 78 करोड़ था, जो अब घटकर 2.4 करोड़ रुपये रह गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई प्रावधान समाप्त हुए—

परिवर्तित भूमि पर डाई गुना दर खत्म

दो फसली भूमि पर 25% अतिरिक्त मूल्य समाप्त

ट्यूबवेल, कुआँ, वृक्ष और व्यावसायिक फसलों का मूल्य जोड़ने का प्रावधान हटाया गया

तालाब, मछली टैंक, बाउंड्री वॉल और प्लिंथ लेवल पर अतिरिक्त दर समाप्त

नगरीय निकायों में निर्मित संपत्तियों की 21 श्रेणी की दरें घटाकर अब केवल 2 श्रेणियां रखी गई हैं।

31 दिसंबर तक जिला समितियाँ भेजेंगी नए प्रस्ताव

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि बढ़ी दरों पर मिले सुझावों के आधार पर 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित प्रस्ताव भेजे जाएँ। इन्हीं आधारों पर आगे की नई गाइडलाइन संरचना तैयार होगी।

सी जी न इनसाइट : इंक्रीमेंटल ग्रोथ हटने से कीमतें अब कई गुना नहीं बढ़ेंगी

पहले 14 हजार वर्गफीट से अधिक क्षेत्र पर इंक्रीमेंटल ग्रोथ लगने से जमीन की कीमतें अचानक कई गुना बढ़ जाती थीं। अब डिसमिल प्रणाली लागू होने से खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ होगा।
फ्लैट की रजिस्ट्री में सुपर बिल्ट-अप हटाने से रजिस्ट्री और भी सस्ती होगी। इससे मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना आसान होगा और ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

विरोध से लेकर लाठीचार्ज तक: गाइडलाइन दरों पर विवाद की पृष्ठभूमि

दरें बढ़ाने के खिलाफ रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर समेत कई जिलों में व्यापारी संगठनों ने प्रदर्शन किया था। दुर्ग में आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज भी हुआ। कांग्रेस ने सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किए और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दर संशोधन की मांग की थी।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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