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छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले : शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू, कलाकारों की पेंशन बढ़ी, नई औद्योगिक नीति को मंजूरी, हाइटेक खेती, खेल प्रशिक्षण और निजी स्कूलों को मिलेगा प्रोत्साहन

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रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद (छत्तीसगढ़ कैबिनेट) की अहम बैठक में राज्य के विकास को लेकर कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। शिक्षा, संस्कृति, उद्योग, निवेश और रोजगार जैसे प्रमुख क्षेत्रों को लेकर निर्णायक कदम उठाए गए, जिनका सीधा असर प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर पर पड़ेगा।

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान को मिली मंजूरी
बैठक की शुरुआत में स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ शुरू करने का फैसला लिया गया। इस अभियान के तहत शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और स्कूलों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रत्येक स्कूल का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग की जाएगी, वहीं कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को मॉडल स्कूलों का भ्रमण भी कराया जाएगा। साथ ही, पीटीएम के माध्यम से अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाई जाएगी और कक्षा शिक्षण में सुधार कर छात्रों की उपलब्धियों को नई ऊंचाई दी जाएगी।

कलाकारों और साहित्यकारों को आर्थिक राहत, पेंशन में हुई बढ़ोतरी
बैठक में साहित्य और कला क्षेत्र से जुड़े अर्थाभावग्रस्त कलाकारों और साहित्यकारों के लिए राहत भरी खबर आई। मंत्रिपरिषद ने उनके मासिक वित्तीय सहयोग (पेंशन) को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का निर्णय लिया। इस योजना से वर्तमान में लाभान्वित हो रहे 162 कलाकारों की वार्षिक सहायता राशि अब 24 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपये हो जाएगी। इससे राज्य पर अतिरिक्त 58.32 लाख रुपये का वार्षिक भार आएगा, लेकिन यह फैसला आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे सृजनशील वर्ग को मजबूत आधार प्रदान करेगा।

औद्योगिक भूमि प्रबंधन नियम में संशोधन, निवेशकों को मिलेगी पारदर्शिता
राज्य में औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के उद्देश्य से ‘छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015’ में संशोधन को भी मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिल गई। इससे भूमि आवंटन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी और औद्योगिक निवेशकों को प्रक्रिया समझने और लाभ उठाने में आसानी होगी।

नई औद्योगिक नीति 2024-30 को मंजूरी, युवाओं और किसानों को मिलेगा लाभ
इसके साथ ही राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024-30 में व्यापक बदलाव किए गए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने इसे और अधिक रोजगारपरक, उद्यमी हितैषी और निवेश आकर्षक बनाने की दिशा में अहम निर्णय लिए। नई नीति के तहत हाइटेक खेती जैसे हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों को ऑटोमेशन और IoT जैसी आधुनिक तकनीकों का लाभ मिलेगा। युवाओं को प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं देने के लिए राज्य में खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहन मिलेगा।

हाइटेक खेती, खेल प्रशिक्षण और निजी स्कूलों को मिलेगा प्रोत्साहन
औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कपड़ा उद्योग में निवेश करने वालों को अब दोगुना यानी 200 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर और सरगुजा जैसे पिछड़े इलाकों में होटल और रिसॉर्ट निर्माण हेतु निवेश की न्यूनतम सीमा को घटा दिया गया है। इससे न केवल पर्यटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और टेक्सटाइल सेक्टर को नई रफ्तार
राज्य में लॉजिस्टिक हब के विकास के लिए भी नई नीति लाने की घोषणा की गई है, जिससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियां और तेज होंगी।

दिव्यांगजनों के लिए विस्तारित लाभ और थ्रस्ट सेक्टर में नई इकाइयों को बढ़ाव
वहीं, दिव्यांगजनों को और अधिक योजनाओं का लाभ देने हेतु उनकी परिभाषा को नया स्वरूप दिया गया है। साथ ही ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज देने, निजी औद्योगिक पार्कों को अधोसंरचना अनुदान बढ़ाने और प्लग एंड प्ले फैक्ट्री निर्माण को प्रोत्साहन देने का भी निर्णय लिया गया है।

राज्य में जीवन गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से अब नगरीय क्षेत्रों में मल्टीप्लेक्स युक्त मिनी मॉल और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों की स्थापना को भी ‘थ्रस्ट सेक्टर’ का दर्जा दिया गया है।

पढ़िये कौन-कौन से बड़े फैसलों पर कैबिनेट ने लगाई मुहर



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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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