कवर्धा 30 नवंबर 2024। भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना अंतर्गत एग्रीस्टेक परियोजना के तहत सम्पूर्ण देश में कृषक हित में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से नवाचार किया जा रहा है। एग्रीस्टेक परियोजना के आगामी चरण के रूप में सभी कृषि भूमि धारक का कृषि भूमि पहचान पत्र (फार्मर आईडी) का निर्माण किया जा रहा है।
कलेक्टर गोपाल वर्मा के मार्गदर्शन में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में इस परियोजना के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मास्टर ट्रेनर डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख आर. बी. देवांगन द्वारा अपर कलेक्टर डॉ मोनिका कौड़ो के उपस्थिति में जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सहायक संचालक कृषि, सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जिला खाद्य अधिकारी, खाद्य निरीक्षक, जिला विपणन अधिकारी, अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर तथा प्रत्येक अनुभाग के 10-10 लोक सेवा केन्द्र ऑपरेटर को फार्मर रजिस्ट्री का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण में बताया गया कि कृषक पंजीयन के लिए लोक सेवा केन्द्र (सी.एस.सी.) की उपलब्धता प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सुलभ रूप से होने तथा अलग-अलग विभागों के कार्य सम्पादन का पूर्व अनुभव होनें के आधार पर लोक सेवा केन्द्र को प्राथमिकता के आधार पर कृषक पंजीयन के लिए चयनित किया गया है। इसके अलावा किसान अपनी स्वपंजीकरण मोबाईल एप्प के माध्यम से कर सकता है। इस दौरान बताया गया कि जिले के 1 लाख 27 हजार 956 किसानों का फार्मर आईडी एवं फार्म लैण्ड आईडी तैयार किया जाएगा। जिसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित जिले के कृषक भी सम्मिलित है।
फार्मर-आईडी के लाभ–
इस योजना से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट जैसी केन्द्र की विभिन्न योजनाओं का लाभ फार्मर आईडी के द्वारा आसानी से प्राप्त होगा। कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान सहायता योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मशीनीकरण योजना जैसे राज्य सरकार की योजनाओं के लिए किसान पंजीयन से प्राप्त फार्मर आईडी से किसानों को सीधा लाभ संभव हो सकेगा।