
ब्रजेश गुप्ता
कवर्धा -: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की चिल्फ़ी घाटी—जिसे लोग मिनी शिमला के नाम से पुकारते हैं—इन दिनों एक दिलकश, रोमांटिक सी ठंड की चादर ओढ़े हुए है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात तापमान अचानक फिसलकर 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, और पहाड़ी हवाओं की सिहरन में प्रकृति ने जैसे प्रेम की पहली आहट बिखेर दी हो।
सुबह की पहली रोशनी जब घाटी के सीने पर उतरी, तो पेड़ों की पत्तियों, फूलों और घास पर जमी ओस बर्फ़ बनकर सफेद मोतियों-सी चमक बिखेरने लगी। मानो पूरी घाटी किसी प्रेम कहानी का धीर-धीरे खुलता पन्ना हो—शांत, ठंडी, और बेहद खूबसूरत। धुंध की लहरें पहाड़ियों के बीच ऐसे थिरक रही थीं, मानो मौसम खुद किसी गुमनाम गीत में खो गया हो।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार ठंड ने जल्दी दस्तक दी है, और इसी के साथ पर्यटकों की हलचल भी बढ़ने लगी है। सुबह-सुबह बाजारों में सन्नाटा और अलाव के पास बैठे लोग, ऊनी शॉल में लिपटे चेहरे—सब मिलकर एक ऐसी तस्वीर बनाते हैं जो दिल को छू जाए।
चिल्फ़ी घाटी की यह बर्फीली सुबहें, झरनों की फुसफुसाहट और जंगलों के बीच उठती धुंध… हर किसी को पहाड़ों की रोमांस भरी यादों में डुबो देती हैं। सर्दियों का यह पहला रंग यहां उतर चुका है—और उसके साथ उतर आया है मोहब्बत सा एहसास, जिसे महसूस करने लोग दूर-दूर से यहां आने लगे हैं।





