छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक आज शनिवार 16 दिसम्बर को सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजित किया गया। माननीय सत्यभामा अजय दुबे, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम द्वारा उक्त नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ विद्या की देवी सरस्वती जी के फोटोचित्र पर पूजा-अर्चना करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया गया, तत्पश्चात् अन्य न्यायाधीशगण, उपस्थित पक्षकारगण एवं अधिवक्तागण तथा अन्य संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा भी दीप प्रज्जवल किया गया।
उक्त लोक अदालत में राजीनामा योग्य समस्त प्रकृति के प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 1327 प्रकरणों का निराकरण किया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के प्रकरणों में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदया द्वारा कुल 16 प्रकरणका निराकरण करते हुए 10125000/-की अवार्ड राशि पारित की गई, साथ ही उक्त भांति का ही प्रकरण श्रीनिवास तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कबीरधाम द्वारा 2 प्रकरण का निराकरण करते हुए 1500000/- की अवार्ड राशि पारित की गई। इसके अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय द्वारा कुल 29 प्रकरणों का निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालय में कुल 1346 प्रकरणों का निराकरण हुआ।
सचिव अमित प्रताप चन्द्रा, द्वारा यह जानकारी दी कि लोक अदालत में जिले के सुदूर क्षेत्रों से पक्षकार जिला न्यायालय प्रांगण में अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए उपस्थित होते है, जिन पक्षकारगणों के प्रकरणांे का निराकरण हुआ, उन्हें संबंधित न्यायालय के न्यायाधीशगणों द्वारा फलदार पौधे दिए गये तथा पक्षकारों की सुविधा के लिए नगर पालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था की गई थी। पक्षकारों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी।
आज दिनांक 16.12.2023 को एक मानवीय घटना घटित हुई, माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदया, जब अपने निवास से आफिस में आ रही थी, जब रास्ते में साॅई मंदिर के पास एक महिला रो रही थी, माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता श्रीवास्तव तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। सचिव महोदय के आदेशानुसार तुरंत पैरालीगल वालिन्टियर प्रभा गहरवार ने संबंधित कवर्धा थाना के सहयोग से उक्त महिला से सम्पर्क स्थापित किया गया, उक्त महिला बेसहारा है और उसे घर से बाहर निकाल दिया गया है, उक्त तथ्य से माननीय जिला न्यायाधीश महोदया को अवगत कराया गया। माननीय जिला न्यायाधीश महोदया द्वारा उक्त महिला को वृद्धाश्रम भेजे जाने हेतु निर्देशित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उक्त वृद्ध महिला को वृद्धाश्रम प्रेषित किया गया। पल्लव रघुवंशी के न्यायालय की खण्डपीठ में दो प्रकरण 05 वर्षों से अधिक समय से लम्बित थे जिनका निराकरण नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर किया गया। उक्त दोनों प्रकरणों में से एक सिविल प्रकरण सुधारी सिंह विरूद्ध रमौतिन बाई व अन्य में दोनों पक्षों के मध्य जमीन संबंधी विवाद था जिसमें पीठासीन अधिकारी की समझाईस पर दोनों पक्षकार कुछ कम जमीन लेते हुए राजीनामा के लिए तैयार हो गये और इस सिविल प्रकरण का निराकरण हुआ। चेक बाउंस के प्रकरण में मात्र रू. 5000/- के चेक अनादरण के संबंध में प्रकरण 2015 से लम्बित था जिस पर भी पीठासीन की समझाईस पर प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त हुआ। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता श्रीवास्तव की खण्डपीठ में पड़ोसियों के मध्य उधारी पैसे मांगने के संबंध में वाद-विवाद को लेकर तथा भाई-भाई के मध्य साधारण मारपीट को लेकर लम्बित प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर किया गया।
नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में कुल 08 खण्डपीठ न्यायालय स्तर में, राजस्व न्यायालय स्तर में भी खण्डपीठ गठित की गई थी। उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिन्टियर्स, जिला प्रशासन, जिला पंचायत, नगर पालिका, पुलिस विभाग, समस्त बैंको सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग रहा है।