छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू हो सकता है। दो दिन में इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा- 19-20 और 21 दिसंबर को सत्र रखा जाए, इसे लेकर CM विष्णुदेव साय की अधिकारियों से बात हुई है। उसमें प्रोटेम स्पीकर होंगे, विधायकों की शपथ होगी अभिभाषण वगैरह की जो प्रक्रिया होती है, उसी रूप से कार्य सदन में होगा।
CM विष्णुदेव साय और अधिकारियों के बीच जल्द ही सत्र बुलाने की बात पर सहमति बनी है। सत्र और प्रदेश को कब तक अन्य विभागों के मंत्री मिलेंगे इस मामले पर डिप्टी CM विजय शर्मा और अरुण साव ने शुक्रवार को मीडिया से बात की।
सदन में अनुपूरक बजट को लेकर चर्चा हो सकती है
डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा- 18 लाख गरीबों को आवास देने की बात मुख्यमंत्री ने की है, सबसे पहला काम सरकार की ओर किया गया है। अब इसके लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता है। सबसे पहले अनुपूरक बजट की आवश्यकता है। इसके अलावा आगे बहुत योजनाएं हैं जिन पर जल्द ही अगली कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा, उनके लिए भी अनुपूरक बजट की आवश्यकता है।
कब बनेगा मंत्रिमंडल
फिलहाल नई भाजपा सरकार में CM और दो डिप्टी CM हैं। मंत्रिमंडल के सवाल पर विजय शर्मा ने बताया कि यह मुख्यमंत्री का प्रिविलेज है, उनका अपना निर्णय है और मैं सोचता हूं कि जल्द ही वो मंत्रिमंडल का ऐलान करने वाले हैं। इस बात पर वह चिंता भी कर रहे हैं ।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मंत्रिमंडल को लेकर कहा- बहुत जल्द ही हम विधानसभा का सत्र बुलाने वाले हैं। इसकी प्रक्रिया चल रही है। रही बात मंत्रिमंडल के विस्तार की तो समय आने पर सूचना दी जाएगी। सूत्रों की मानें तो 17 नवंबर को CM साय दिल्ली जाकर हाईकमान से मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा कर सकते हैं। माना जा रहा है शीतकालीन सत्र के बाद ही राज्य के विभागों को मंत्री मिलेंगे।
नॉन परफॉर्मिंग अधिकारी नपेंगे
गुरुवार को नवा रायपुर के मंत्रालय में CM दोनों डिप्टी CM बंद कमरे में अफसरों से चर्चा करते रहे। इसे लेकर डिप्टी CM विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि हमारा कोई राग द्वेष किसी अधिकारी से नहीं है। बिना कोई ऐसी बात सोचकर काम करने का अवसर सभी अधिकारियों को दिया जाएगा, जो परफॉर्म करेंगे वह आगे रहेंगे जो नहीं करेंगे उन्हें बदला जाएगा।
कांग्रेसियों ने सत्ता को कमाने का जरिया बनाया
कांग्रेस के विधायकों के बवाल पर विजय शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी का मसला है उस पर क्या कहूं, मैं सिर्फ कहना यह चाहता हूं कि जितने कांग्रेसी आरोप लगा रहे हैं, मीडिया में रिपोर्ट्स देखता हूं तो लगता है कि यह सब लोग सच बोल रहे हैं । उनको मंथन करना पड़ेगा।
कांग्रेसियों ने संस्कृति ही शुरू से गड़बड़ कर दी, सरकार में जगह मिली तो वो इसे सुख पाने का धन संचय का साधन बनाने लगे। राजनीति शक्ति की आराधना है और शक्ति प्राप्त करके बड़ा परिवर्तन समाज में आप करें यह प्रयास होना चाहिए । लेकिन इन्होंने चौक चौराहे में पैसे उगाही का मसला बना लिया, यह संस्कृति नीचे तक चली गई।