जिले में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया। कलेक्टर जनमेजय महोबे सहित जिले के समस्त अधिकारी-कर्मचारियों ने देश के योद्धाओं, वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा खरीद कर उन्हें याद किया। जिला कार्यालय में कलेक्टर के साथ जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, अपर कलेक्टर इन्द्रजीत बर्मन, संयुक्त कलेक्टर डॉ. मोनिका कौडो, कवर्धा एसडीएम पी.सी. कोरी, डिप्टी कलेक्टर सुश्री आकांक्षा नायक व सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर शहीदों को नमन भी किया।
उल्लेखनीय है कि 07 दिसंबर, 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जा रहा है। तत्कालिन सरकार ने सन 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन झंडे की खरीद से होने वाली आय शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च की जाती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस द्वारा इकट्ठा की गई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च की जाती है।
7 दिसंबर, 1949 से शुरू हुआ यह सफर आज तक जारी है। आजादी के तुरंत बाद सरकार को लगने लगा कि सैनिकों के परिवार वालों की भी जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है और इसलिए उसने 07 दिसंबर को झंडा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसके पीछे सोच थी कि जनता में छोटे-छोटे झंडे बांट कर दान अर्जित किया जाएगा जिसका फायदा शहीद सैनिकों के आश्रितों को होगा। शुरूआत में इसे झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता था, लेकिन 1993 से इसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस का रूप दे दिया गया।