निस्तारी और पेयजल की समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश तालाबों और नदी में निस्तारी के लिए जिले के सभी पांच मध्यम जलाशयों से पानी छोड़ा गया है। नदी में पानी छोड़ने से पहले जलसंसाधन विभाग के माध्यम से नदी के किनारे वाले बसाहवट गावं को सूचित भी किया गया था। नदी-नालों और तालाबों में निस्तारी के लिए पानी छोड़ने से ग्रामीणों के साथ-साथ पशु-पक्षियों को बड़ी राहत मिलेगी। विगत वर्षों की भांति सकरी नदी, फोंक नदी, कर्रानाला एवं सुतियापाट जलाशय से सिल्हाटी नदी, कर्रा नदी में जल प्रवाह किया गया है एवं जिले के निस्तारी तालाबों में मांग अनुसार जलाशयों से पानी छोड़े जाने के निर्देश दिए गए है।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने ग्रामीणों और जनप्रनिधियों के द्वारा निस्तारी के लिए बांध से पानी छोड़ने की मांग के लिए जलसंसाधन विभाग और राजस्व अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी ली थी। कलेक्टर ने जनप्रतिनधियों और ग्रामीणों द्वारा निस्तारी के लिए पानी की मांग के लिए पानी की उपयोगिता का परीक्षण करने निर्देश भी दिए थे। जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एनके चौहान ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते निस्तारी तालाबों एवं नदियों में पानी की कमी के चलते ट्यूबवेल, कुओं का जलस्तर नीचे चला गया है, जिसके चलते ग्रागीणों एवं पशु पक्षी को पीने के पानी की समस्या हो रही थी। इस संबंध में ग्रामीणों से लगातार मांग भी की जा रही थी। जिले के निस्तारी तालाबों में क्षेत्रवासियों के लगातार मांग को देखते हुए कलेक्टर ने संज्ञान में लिया और जल संसाधन विभाग को जलाशयों से तालाबों को भरने निर्देशित किया।
जिले के विकासखण्ड कवर्धा, बोडला, सहसपुर लोहारा एवं पण्डरिया के ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिका आदि माध्यमों से निस्तारी जल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। मांग अनुरूप संबंधित जल संसाधन उपसंभागों को निस्तारी जल प्रदाय के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ तत्काल जलाशयों एवं नहरों के माध्यमों से पानी प्रदाय किया जा रहा है।
सकरी नदी में निस्तारी के लिए सरोदा बांध से छोड़ा गया पानी
जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता चौहान ने बताया कि भीषण गर्मी और तालाबों में निस्तारी के लिए पानी भराव हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद कवर्धा से सरोदा बांध से सकरी नदी में निस्तारी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए पानी छोड़ने की मांग की गई। जिस पर तत्काल सरोदा जलाशय के गेटों से पानी का प्रवाह लगभग 50.00 क्यूसेक छोड़ा गया है। उन्हेंने बताया कि जल प्रवाह की उचित व्यवस्था जैसे-जैसे होती जाएगा पानी का प्रवाह गेटों से बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में कवर्धा जल आवर्धन योजना में भी जल प्रवाह किया जा रहा है।
जिले के मध्यम परियोजनाएं
जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में जल संसाधन विभाग अंतर्गत जिले में 04 मध्यम एवं 01 बैराज मध्यम परियोजना है। उन्होंने 02 जनू 2023 तक जिले के सरोदा जलाशय मध्यम परियोजना में 21.364 मि.घ.मी., 70.86 प्रतिशत, छीरपानी जलाशय मध्यम परियोजना में 39.23 मि.घ.मी., 78.7 प्रतिशत, बहेराखार जलाशय मध्यम परियोजना में 6.83 मि.घ.मी., 49.81 प्रतिशत, सुतियापाट जलाशय मध्यम परियोजना में 22.70 मि.घ.मी., 66.62 प्रतिशत और कर्रानाला बैराज मध्यम परियोजना में 11.33 मि.घ.मी., 62.59 प्रतिशत जल भराव है।
पानी का सदुपयोग करें, पानी अनमोल है
कबीरधाम जिला अंतर्गत 70 लघु जलाशय योजनाएं निर्मित है। जलाशलयों में जलभराव औसतन 45 प्रतिशत निस्तारी एवं पशुओं के लिए जल उपलब्ध है, जो भीषण गर्मी में उपयोग सिद्ध हो रहा है। कार्यपालन अभियंता चौहान ने क्षेत्रवासियों, पंचायतों से अपील करते हुए कहा है कि पानी का सदुपयोग करें, पानी अनमोल है। उन्होंने निस्तारी तालाबों को भरने के दौरान पानी व्यर्थ न बह पाए इसके लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा की गई है।