कबीरधामकवर्धा

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के अवसर पर 02 से 04 नवंबर को तीन दिवसीय कवर्धा में भव्य राज्योत्सव का होगा आयोजन

छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक धरोहर और लोक कलाओं के अनूठा संगम से सजेगा राज्योत्सव

कवर्धा, 01 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर जिले में 02 से 04 नवंबर 2025 को तीन दिवसीय कवर्धा के आचार्य पंथ  गृथमुनि नाम साहेब शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय मैदान में भव्य राज्योत्सव का आयोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25 वर्ष पूरा होने पर छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद संतोष पाण्डेय करेंगे। कार्यक्रम में पण्डरिया विधायक भावना बोहरा, छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार चंद्रवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू, नगर पालिका अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, जनपद अध्यक्ष सुषमा बघेल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देश पर जिला स्तरीय तीन दिवसीय राज्योत्सव की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कलेक्टर श्री वर्मा ने अधिकारियों को आयोजन स्थल पर बैठक व्यवस्था, पेयजल, सुरक्षा, स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, यातायात नियंत्रण, पार्किंग व्यवस्था और दर्शकों के लिए बैठने की सुविधा जैसी सभी तैयारियाँ समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इस वर्ष का भव्य तीन दिवसीय राज्योत्सव विशेष आकर्षण के साथ मनाया जाएगा। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की कला -संस्कृति, परंपरा और जनजीवन की झलक शानदार तरीके से प्रस्तुत होगी। राज्य की विभिन्न शासकीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए विभागों द्वारा आकर्षक स्टाल लगाए जाएंगे, जहाँ नागरिकों को योजनाओं और सुविधाओं की विस्तृत जानकारी मिलेगी। कार्यक्रम का शुभारंभ शाम 5 बजे से होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ की लोककला, लोकसंगीत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दर्शकों को रोमांचित करेंगी। तीनों दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में जिले और प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों एवं नृत्य दलों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले नाचा, करमा, ददरिया, हास्य जुगलबंदी, कबीर गायन, लोक गायन, कत्थक, सूफी भजन, गजल और स्टार नाइट कार्यक्रमों से पूरा वातावरण उत्सवमय बनेगा।

राज्योत्सव में 2 नवंबर को कार्यक्रम की शुरुआत कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, जिला कबीरधाम के विद्यार्थियों के लोक नृत्य “छत्तीसगढ़ दर्शन, प्रमुख त्यौहार” से होगी। इसके बाद “मयारु के मया” लोक नृत्य की प्रस्तुति श्री धनीदास मानिकपुरी देंगे। श्री विष्णु यादव की करमा और ददरिया “माटी के चंदन” लोकधुनों की मिठास श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देगी। श्री कौशल साहू एवं अनुप श्रीवास्तव की हास्य जुगलबंदी से कार्यक्रम में हंसी की गूंज उठेगी। सरगम टीचर्स ग्रुप (श्री महेश सिंह ठाकुर एवं साथी) का संगीत गायन वातावरण में मधुरता घोल देगा। श्री प्रमोद सेन एवं साथी का लोककला मंच कार्यक्रम “गहना गांठी” छत्तीसगढ़ी लोकजीवन की सुंदर झलक पेश करेगा। पद्मश्री डॉ. भारती बंधु के कबीर गायन से भक्ति और समरसता की भावधारा बहेगी। काव्यगूंज म्यूजिकल ग्रुप के श्री गौरव एवं स्वाती गुप्ता का भजन गायन आत्मा को स्पर्श करेगा, जबकि श्री दानी वर्मा एवं साथी का लोक नृत्य “परसा के फूल” उत्सव को एक मनमोहक समापन प्रदान करेगा।

राज्योत्सव के दूसरे दिन 3 नवंबर 2025 को कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति की विविध छवियों से सजा रहेगा। शाम की शुरुआत शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों की मनमोहक छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य प्रस्तुति से होगी, जो प्रदेश की पारंपरिक विरासत का सुंदर प्रदर्शन करेगी। इसके बाद क्लासिक म्यूजिकल ग्रुप ( तुलेश्वर शर्मा एवं साथी) द्वारा मधुर संगीत गायन की प्रस्तुति दी जाएगी, जिसकी सुरीली धुनें दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। कार्यक्रम में आगे कार्तिक साहू एवं साथी द्वारा नृत्य, लोकगायन और लोककला मंच की संयुक्त प्रस्तुति दी जाएगी, जो छत्तीसगढ़ की लोकपरंपराओं की झलक पेश करेगी। जय भोरमदेव बांस गीत दल ( कुनीराम यादव एवं साथी) द्वारा प्रस्तुत बांस गीत में लोकधुनों की लयात्मक मिठास गूंजेगी। इसके पश्चात स्वर संवेदना ग्रुप ( राजीव केशरी एवं साथी) के सुगम गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुति माहौल में सुमधुरता घोल देगी। मंच पर सचिन कुम्हरे का आकर्षक कत्थक नृत्य शास्त्रीय कला की गरिमा को उजागर करेगा।  रामखिलावन लांझेकर के सूफी भजन गायन से श्रोताओं को आध्यात्मिक अनुभूति होगी। सांस्कृतिक संध्या का समापन लोक गीत, नृत्य एवं संगीत लोक अनुहार ( राकेश सेन एवं साथी) तथा छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी ( रामभज साहू एवं साथी) की ऊर्जा से भरपूर हास्य और लोकनृत्य प्रस्तुतियों से होगा, जो पूरे वातावरण को आनंद और उत्सव के रंग में रंग देंगे।

राज्योत्सव के तीसरे और अंतिम दिन 4 नवंबर को छत्तीसगढ़ की आदिवासी, लोक एवं परंपराओं के रंग से सराबोर रहेगा। दिन की शुरुआत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, अमरोही के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत आदिवासी लोक नृत्य से होगी, जिसमें जनजातीय संस्कृति की झलक और परंपरागत जीवन की उमंग देखने को मिलेगी। इसके बाद श्री देव सिंह अहिरे द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी, जो दर्शकों को लोक लय की दुनिया में ले जाएगी। कार्यक्रम में आगे श्री देव सिंह साहू एवं साथी के कबीर भजन आत्मिक शांति और ज्ञान की भावना से वातावरण को पवित्र करेंगे। इसके पश्चात  अंकुर गुप्ता एवं आशुतोष गुप्ता द्वारा भावपूर्ण गजल गायन से संगीत प्रेमियों को एक नया अनुभव मिलेगा। रजऊ साहू द्वारा प्रस्तुत गुरुतुर बोली गवई कार्यक्रम में लोकगायन की मिठास और छत्तीसगढ़ी बोली की गहराई झलकेगी। योगेन्द्र दास एवं साथी का सांस्कृतिक लोककला मंच “अमरैया के छांव” छत्तीसगढ़ की परंपरागत लोककला का सुंदर प्रदर्शन करेगा। इसके बाद गीरिश राजपूत एवं साथी द्वारा माई का जगराता एवं छत्तीसगढ़ गीत (जसगीत) की प्रस्तुति से पूरा परिसर भक्तिभाव और आस्था से गूंज उठेगा। इसके अतिरिक्त शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय के विद्यार्थियों की भक्ति लोक संगीत प्रस्तुति दर्शकों के हृदय को छू लेने वाली होगी। समापन सत्र में पं. विवेक शर्मा एवं साथी की प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ गीत और संगीत से सजी “स्टार नाइट” का भव्य आयोजन होगा, जो राज्योत्सव के इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक पर्व को यादगार बना देगा।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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