कवर्धा, 27 नवंबर 2024।”हर घर तक स्वच्छ पीने का पानी पहुँचाने” के उद्देश्य से शुरू की गई राष्ट्रीय जल जीवन मिशन योजना अब ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। इस योजना के तहत महिलाओं की तकलीफें कम हुई हैं, और उनके जीवन में नया सुकून देखने को मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड स्थित ग्राम पंचायत बोदा-3 के अंतर्गत आने वाला ग्राम पचराही, जो विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय की बहुलता वाला क्षेत्र है, अब जल समृद्धि का एक आदर्श उदाहरण बन चुका है। वनांचल क्षेत्र में स्थित इस गाँव में अब हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की सुविधा उपलब्ध है।
हर घर जल प्रमाणीकरण ने दी नई पहचान
24 अक्टूबर 2024 को पचराही में आयोजित ग्राम सभा के दौरान गाँव को “हर घर जल ग्राम” के रूप में प्रमाणित किया गया। इस अवसर पर सरपंच, सचिव, पानी समिति और सभी ग्रामीणों ने भाग लिया। सरपंच द्वारा गाँव को “हर घर जल” घोषित करने के बाद, ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से संतोष और गर्व का अनुभव किया।
इस योजना के तहत 68 लाख रुपये की लागत से इस लक्ष्य को प्राप्त किया गया। ग्राम के 72 परिवारों तक स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह पहल ग्रामीण जीवन में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। पहले जहाँ महिलाओं को दूर-दराज के जल स्रोतों से पानी लाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी, अब घर पर ही स्वच्छ जल की उपलब्धता ने उनके जीवन को सरल और आरामदायक बना दिया है।
स्वास्थ्य, स्वच्छता और समय की बचत
“हर घर जल” योजना के कारण गाँव में न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा मिला है, बल्कि पानी के लिए होने वाले संघर्ष को भी समाप्त कर दिया गया है। इस योजना ने महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से राहत दी है। अब महिलाएँ अपना समय अन्य उत्पादक कार्यों में लगा सकती हैं, और बच्चों को स्वच्छ पानी मिलने से उनकी स्वास्थ्य समस्याएँ भी कम हुई हैं।
ग्रामवासियों ने व्यक्त किया आभार
पचराही के निवासियों ने इस पहल के लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। ग्रामवासियों का मानना है कि यह योजना उनके जीवन स्तर को सुधारने में एक मील का पत्थर साबित हुई है। अब यह गाँव अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है।
हर घर में जल, स्वस्थ जीवन का बल
जल जीवन मिशन के माध्यम से पचराही में आई यह क्रांति सरकार की प्रतिबद्धता और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रमाण है। यह पहल केवल पानी की समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और बेहतर जीवन का भरोसा भी दिलाती है।