जिला न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे, कलेक्टर जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमित प्रताप चन्द्रा द्वारा वर्तमान जेल के विस्तार या नई जेल स्थापित किए जाने के संबंध में जिला जेल कबीरधाम का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद जेल परिसर में ही बैठक की गई। जिला न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने जिला जेल में कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिदिन कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। पिछले कुछ दिनों से उक्त कार्यक्रम नहीं हो पा रहे थे, जिसे तत्काल उनके द्वारा संज्ञान लेते हुए उनके द्वारा पुनः प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बंदियों को खेलकुद के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के संबंध में भी जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया। कैंदियों के कौशल विकास के संबंध में गतिविधियॉ प्रारंभ किए जाने के संबंध में भी निर्देश दिए गए है। अन्य सभी सुविधाए सुचारू रूप से संचालित पाई गई। निरीक्षण के दौरान सहायक जेल अधीक्षक राजेन्द्र बंजारे उपस्थित थे।
निरीक्षण एवं बैठक में जेल का भ्रमण, बैरकों की स्थिति, पॉकशाला आदि का निरीक्षण किया गया। बैठक के दौरान जिला जेल के लिए निकट भविष्य में भूमि की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में वर्तमान जेल को विस्तारित करने के संबंध में भी चर्चा हुई। वर्तमान में प्रतिदिन निरूद्ध बंदियों की संख्या एवं उपलब्ध बैरकों की संख्या को देखते हुए वर्तमान में अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं पाई गई। दो नए बैरकों, जिनकी क्षमता 50-50 बंदियों की होगी, इसके निर्माण के संबंध में चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त चिकित्सा सुविधा, टेली मेडिसीन की सुविधा, जेल स्टॉफ के संबंध में कमी, की चर्चा आदि के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटिशन (सिविल) क्रमांक 406/2023 त्मरूप्दीनउंद ब्वदकपजपवदे पद 1382 चतपेवदे में पारित में निर्णय 30. जनवरी 2024 के आदेशानुसार वर्तमान तथा भविष्य में आवश्यता के आधार पर जेलों के विस्तार तथा नई जेले स्थापित किए जाने के संबंध में समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई है। इस समिति के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा सदस्य के रूप में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जेल अधीक्षक होते है। इस समिति के कार्य जेलों के लिए भूमि की उपलब्धता के संबंध में, जेल में जारी परियोजनाओं के उचित क्रियान्वयन तथा अन्य आवश्यक जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही करना है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उक्त निर्णय के आदेशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा प्रत्येक जिले में समिति का गठन 14 फरवरी को किया गया था। इस समिति के सदस्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम के तहत गठित एक अन्य समिति के भी सदस्य होते है, जिसे अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी (न्ज्त्ब्) के नाम से जाना जाता है। इस समिति द्वारा भी जेल में बंद कैदियों के लिए जरूरी आवश्यक सुविधाओं जैसे स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, चिकित्सा व्यवस्था एवं उन्हें अन्य विधिक जानकारी दी जाती है। न्ज्त्ब् द्वारा आज जेल का निरीक्षण भी किया गया।