
कवर्धा, 04 दिसंबर 2025। जिले में प्रत्येक माह की 09 और 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत चिन्हांकित स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जा रही है। अभियान का उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की रक्त एवं मूत्र जांच के साथ ही चिन्हांकित मामलों की निःशुल्क सोनोग्राफी जिला चिकित्सालय में की जाती है।
अभियान के माध्यम से उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय रहते पहचान हो रही है, जिससे उन्हें आवश्यक उपचार और परामर्श समय पर उपलब्ध हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि विशेषकर उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं को निर्धारित तिथियों पर अनिवार्य रूप से जांच के लिए भेजें।
मातृत्व स्वास्थ्य नोडल अधिकारी ने बताया कि उच्च रक्तचाप, प्री-एक्लेमसिया, छोटा कद, खराब प्रसूति इतिहास, कम या अधिक आयु, रक्तस्राव, तीन से अधिक गर्भधारण, जुड़वां शिशु, मधुमेह, हृदय एवं गुर्दा रोग, भ्रूण की गलत स्थिति और गंभीर एनीमिया जैसी स्थितियों को उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे मामलों में प्रसव जिला चिकित्सालय में कराने की सलाह दी गई है ताकि आवश्यक सुविधाएं समय पर मिल सकें।
अधिकारी ने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं को खतरे के लक्षण जैसे योनि से स्त्राव, भ्रूण की कम गतिविधि, तेज बुखार, पीलापन, सूजन, दौरे, धुंधला दिखना और तेज सिरदर्द की जानकारी अवश्य होनी चाहिए तथा ऐसी स्थिति में तुरंत एएनएम या मितानिन से संपर्क करना चाहिए।



