कबीरधामकवर्धा

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति की बैठक ली

एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की करेगी मानिटरिंग

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जमनेजय महोबे ने विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के स्वतंत्र, निपष्क्ष शांति पूर्ण निर्वाचन एवं निर्वाचन कार्यों में पारदर्शिता के लिए बनाई गई जिला स्तरीय मीडिया प्रमाण एवं अनुवीक्षण समिति की बैठक ली। बैठक से पहले कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने जिला स्तरीय मीडिया मॉनिटरिंग कक्ष का अवलोकन किया। कलेक्टर ने समिति द्वारा किए गए अब तक कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले राजनीतिक खबर, समीक्षा खबर, लेख और किसी एक दल एवं एक अभ्यार्थियों की लगातार प्रकाशित होने वाले खबरों की गहन मॉनिटरिग करने के लिए कहा है। बैठक में आदर्श आचार संहिता लागू होने से 19 अक्टूबर तक प्रकाशित लगभग 105 समाचार कतरों की समीक्षा की है। इसी प्रकार अभ्यार्थियों द्वारा नाम निर्देशन फार्म 26 में उनके द्वारा दिए गए सोशल मीडिया, फेस बुक, ट्यूटर और इंटाग्राम पेज का गहन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि अभ्यार्थियों द्वारा सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन कराना अनिर्वाय है। साथ ही यहां यह भी बताया गया कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति द्वारा मतदान एवं मतदान के एक दिवस पूर्व समिति के बिना प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नही करा सकता है। आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से राजीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक में जानकारी भी दी जा चूकी है। सोशल मीडिया में बिना प्रमाणन के अपलोड विज्ञापनों पर संबंधित अभ्यार्थियों को समिति के प्रस्ताव पर रिटर्रिंग आफिसर द्वारा नोटिस तामिल की जाएगी।  बैठक में समस्त निर्वाचन कार्यों के प्रशिक्षण जिला नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल,समिति के सदस्य स्वतंत्र नागरिक एसएस सोम, एसडीओ दूरसंचार चन्द्रभान तिवारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नभ वर्मा, समति सचिव एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी गुलाब डड़सेना एवं मीडिया मॉनिटरिग कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी महोबे ने बताया कि जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति द्वारा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले पेड न्यूज, भा्रमक न्यूज एवं फेक न्यूज की मॉनिटरिंग भी जा रही है। साथ ही अभ्यार्थियों एवं दल द्वारा जारी होने वाले विज्ञापनों पर नजर रखी जा रही है। राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा। भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार सभी प्रत्याशियों द्वारा सोशल मीडिया एकाउंट विवरण नामांकन दाखिल करते समय फार्म 26 अनुलग्न तीन में प्रस्तुत करना होगा। आदर्श आचार संहिता सोशल मीडिया पर भी लागू होती है। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय चुनाव व्यय से सम्मिलित किया जाएगा। इसके अलावा संदेश, टिप्पणी, फोटो विडियो, ब्लाग, या सेल्फ एकाउंट, बेबसाईट पर अभिप्रामणन की आवश्यकता नहीं है,लेकिन सोशल मीडिया पर आदर्श आचार संहिता लागू होगा। ई-पेपर पर राजीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।

निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री महोबे ने बताया कि एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की मानिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में अभ्यर्थी को नोटिस प्रदान किया जाएगा। उनका सही समय पर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जाएगा। असंतोषजनक पाये जाने पर तथा जांच करने पर सही पाये जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लाग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाईट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है। आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चैनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चैनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाये जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button