ED ने कोल लेवी स्कैम में शनिवार को छत्तीसगढ़ की एक और आईएएस अफसर रानू साहू की गिरफ्तारी की। उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने 25 जुलाई तक ईडी को रिमांड दे दी। शुक्रवार को ही ईडी की टीम ने रानू साहू समेत कुछ अन्य कारोबारियों और नेताओं के यहां दबिश दी थी।
रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी आईएएस आफिसर हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले आईएएस समीर बिश्नोई को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था, जो अभी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईडी ने कोर्ट से 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड ही दी।
शुक्रवार देर रात तक रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास में टीम ने छापेमारी की थी। इसमें मिले अहम सबूतों के मुताबिक रानू साहू करोड़ों रुपए के हेर-फेर में शामिल थीं, फिलहाल मामले की जांच जारी है। ईडी ने कोई बयान जारी नहीं किया है। रानू साहू इस समय कृषि विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ हैं। इससे पहले रानू रायगढ़ जिले की कलेक्टर रह चुकी हैं।
ईडी के वकील ने कहा-सहयोग नहीं किया
इस मामले में कोर्ट के बाहर ईडी के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि कोल लेवी स्कैम में उनकी गिरफ्तारी की गई है। उनसे पहले भी पूछताछ होती रही है, लेकिन उन्होंने कभी सहयोग नहीं किया। हर बात में डोजिंग आंसर दिया।विटनेस और डॉक्यूमेंट के वैरिफिकेशन के लिए उनसे पूछताछ की जानी थी, लेकिन हर बार यही कहा कि कुछ नहीं मालूम।
रानू की प्रॉपर्टी तीन भागों में बांटी- ए, बी, सी
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि रानू साहू की प्रॉपर्टी को तीन भागों में बांटा गया है ए, बी और सी। ए में वो संपत्तियां हैं, जिसके जरिए रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति खरीदी गई। बी में वे संपत्तियां हैं, जो बेनामी हैं। सी में वो प्रॉपर्टी है, जिसमें वैल्यू नहीं बताई जा सकी है, उसे मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सीज कर सकते हैं।
सूर्यकांत तिवारी और सिंडिकेट के साथ एसोसिएशन
सौरभ पांडेय ने कहा कि रानू साहू का कोल लेवी स्कैम में नाम है। उनका सूर्यकांत तिवारी और सिंडिकेट के साथ एसोसिएशन है। 5.52 करोड़ रुपए उन्होंने प्राप्त किया था और उससे संपत्तियां खरीदी गई।हमने किसी के खिलाफ नान बेलेबल वारंट जारी नहीं किया है।
रानू साहू के वकील फैजल रिजवी ने कहा-
रानू साहू की ओर से वकील फैजल रिजवी प्रस्तुत हुए। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को कोर्ट ने सुना है। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, कोर्ट ने तीन दिन की दी। जनवरी के बाद कोई भी नोटिस ईडी की ओर से भेजी नहीं गई।कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि किसी की भी अरेस्टिंग होती है, तो अधिवक्ता से मिलने दिया जाए। रानू साहू ने आपत्ति की थी कि वकील से मिलने नहीं दिया जा रहा है। जहां तक कोल लेवी स्कैम में पैसे लेने की बात है, वो पूरी तरह काल्पनिक है। कहीं पर भी रानू साहू का नाम नहीं है। वॉट्सऐप चैट में भी इनका नाम नहीं है।
रिजवी ने कहा कि जितनी भी संपत्तियों के बारे में ईडी बता रही है, वह 2020 के पहले की है, जबकि ईडी इन्हें 2020 की बता रही है। रानू साहू ने हर जगह सहयोग किया है। जमानत याचिका हाईकोर्ट में पेंडिंग है।नए तथ्यों के साथ हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
रानू साहू के मायके में पड़ चुका है छापा
पिछले साल ED ने मनी लॉन्ड्रिंग और कोल अवैध वसूली मामले में रानू साहू के कलेक्टर रहते हुए छापेमारी कार्रवाई की थी। रानू साहू के मायके में ED के अधिकारियों ने दबिश दी थी। साहू के गांव पाण्डुका, गरियाबंद जिले में छापा पड़ा था। साहू के परिजन राजनीति से जुड़े हैं। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू और कांग्रेस नेता शैलेंद्र साहू के घर टीम घुसी थी। लक्ष्मी साहू कलेक्टर रानू साहू की मां हैं। वहीं शैलेंद्र साहू उनके चचेरे भाई हैं। मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब के भी इस परिवार के नाम होने की जानकारी सामने आई थी, क्योंकि इसकी प्रारंभिक रजिस्ट्री में परिवार का नाम था।
प्रॉपर्टी अटैच की गई थी
दो महीने पहले कोल मामले में ED ने आईएएस अफसर, कोल कारोबारी और कुछ कांग्रेसी विधायकों की संपत्ति अटैच की थी। तब प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51. 40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है। यह बरामदगी आईएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई थी। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
ईडी ने शुक्रवार को रायपुर, बिलासपुर, कोरबा में कारोबारियों और अफसरों के घर दबिश दी थी। रायपुर में रामदास अग्रवाल के जोरा स्थित अनुपम नगर के घर में भी टीम पहुंची थी। कोरबा में निगम कमिश्ननर प्रभाकर पांडेय के घर पर सुबह पांच बजे से पांच सदस्यीय टीम छानबीन की। ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ के जवान भी पहुंचे जो घर के अंदर और बाहर तैनात थे।
कौन हैं सुनील अग्रवाल
कारोबारी रामदास अग्रवाल सुनील के पिता थे, जिनकी डेथ हो चुकी है। सुनील कोल और इस्पात कारोबार से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों आईटी की रेड भी पड़ी थी। रायपुर और रायगढ़ में इनका कारोबार है। फिलहाल ईडी की कार्रवाई का अपडेट अभी सामने नहीं आया है। इसके अलावा बिलासपुर में एक बड़े ठेकेदार और कारोबारी की घर कार्रवाई की गई, कोरबा जिले में नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडेय के घर भी दबिश दी गई थी।
कोल स्कैम मामले में की गई कार्रवाई
कार्रवाई कोल स्कैम मामले के साथ नान और मार्कफेड में पीडीएस घोटाले के सिलसिले में चल रही है। छत्तीसगढ़ में ईडी की ओर से दर्ज 2000 करोड़ रुपए की कथित आबकारी गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अनुसूचित अपराध के अभाव में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर ही रोक लगाई थी।