कबीरधामकवर्धा

नरवा विकास से बदल रही गांवों और किसानों की तकदीर

कलेक्टर ने नरवा विकास योजना के विभिन्न नालों के कार्यो का अवलोकन किया

कलेक्टर जनमेजय महोबे और वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह ने कवर्धा वनमंडल अतंर्गत नरवा विकास योजना के तहत् निर्मित विभिन्न नालों का निरीक्षण किया। कलेक्टर और डीएफओ ने बोडला विकासखण्ड के तरेगांव जंगल और पंडरिया पूर्व परिक्षेत्र में कैम्पा मद के तहत् नरवा विकास योजनांतर्गत विभिन्न नालों का निरीक्षण किया।
कलेक्टर ने पंडरिया पूर्व परिक्षेत्र ग्राम चियाडाढ़ में कैम्पा मद अंतर्गत किलकिला नाला कक्ष क्रमांक 548 एवं 549 में निर्मित मिट्टी बांध का निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों कों मिट्टी बांध से सिंचाई एवं मछली पालन करने प्रोत्साहित किया गया। आदिवासी बैगा महिला स्व सहायता समूह भैंसाडबरा द्वारा संचालित मुनगा पत्ती प्रसंस्करण केन्द्र का निरीक्षण किया गया। समूह को वन विभाग द्वारा चक्रीय निधि अंतर्गत ऋण प्रदाय किया गया है। कलेक्टर महोबे ने स्थानीय निवासियों को मुनगा प्रसंस्करण करने प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर ने तरेगांव परिक्षेत्र ग्राम महली में कैम्पा मद नरवा विकास योजनांतर्गत ओगहरा नाला में निर्मित मिट्टी बांध का निरीक्षण किया। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने ग्रामवासियों को बताया कि इस बांध से स्थानीय ग्रामवासियों को सिंचाई, मछली पालन, मवेशी, जंगली जानवरों के लिए पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध होगी साथ ही क्षेत्र के भूमिगत जल स्तर में बढोतरी होगी। क्षेत्र निरीक्षण के दौरान उप वनमंडलाधिकारी पंडरिया जसवीर सिंह मरावी, उप वनमंडलाधिकारी सहसपुर लोहारा अनिल साहू, परिक्षेत्र अधिकारी पंडरिया पूर्व पूर्णिमा राजपूत (स.व.सं.), इंजीनियर नायक, सत्यप्रकाश सहित स्थानीय कर्मचारी एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह ने बताया कि कवर्धा वनमंडल अंतर्गत विभिन्न परिक्षेत्रों में वर्ष 2019-20 में 04 नाला जिसकी लंबाई 22.35 किलोमीटर के 5542 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्र में 1353.4 हेक्टयेर मृदा अपरदन उपचारित किया गया। जिससे 45657 घन मीटर पानी क्षमता में वृद्धि हुई। इससे कुल 1 हजार 206 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए। वर्ष 2020-21 में 21 नाला जिसकी लंबाई 152.58 किलोमीटर के 34789 हेक्टयेर जलग्रहण क्षेत्र में 7718 हेक्टयेर मृदा अपरदन उपचारित किया गया जिसमें 121280 घन मीटर पानी क्षमता में वृद्धि हुई। इससे कुल 4 हजार 500 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 21 नाला जिसकी लंबाई 117 किलोमीटर है, में 8 हजार 800 हेक्टयेर मृदा अपरदन उपचारित किया गया है, जिसमें 130280 घन मीटर पानी क्षमता में वृद्धि हुई। इससे कुल 4 हजार 200 परिवार प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए है। वर्ष 2022-23 में 20 नाला प्रस्तावित है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वकांक्षी नरवा विकास योजना वर्ष 2019 से क्रियान्वित है। इस योजना के तहत् रीज टू वैली कान्सेप्ट पर नदी नालों का उपचार किया जा रहा है जिसमें ब्रश वूड, लूज बोल्डर चेक डेम, गेबियन स्ट्रक्चर, कन्टूर बन्ड, डाईक, एस.सी.टी., 30-40 मॉडल, मिट्टी बांध, चेक डेम, स्टॉप डेम आदि का निर्माण कर वर्षा जल का संचयन किया जाता है। वर्षा का जल का संचयन से भूमिगत जल स्तर में वृद्धि, मृदा अपरदन में कमी, वन्यप्राणियों को पेयजल की उपलब्धता, किसानों को सिंचाई एवं रोजगार की उपलब्धता आदि लाभ प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त हो रहे हैं।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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