किसानों की समस्याओं का समाधान: अधिकारीयों को करना होगा संज्ञान
किसानों के सामने आ रही समस्याएँ
किसान आईडी बनवाने के बाद भी अनेक किसान अपनी कृषि भूमि को अन्य गांवों में ऐड करवाने में असफल हो रहे हैं। पटवारी और तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पर भी उन्हें कोई समाधान नहीं मिल रहा, जिससे किसान मायूस हो रहे हैं। 2-4 बार कार्यालय जाने के बाद भी इन्हें पटवारी और तहसीलदार से मिलना कठिन हो रहा है।
सर्वर की समस्याओं से जूझते किसान
जब किसान अधिकारियों से मिलते हैं, तो उन्हें सर्वर की समस्या के बारे में बताया जाता है। इसके कारण किसानों की कई समस्याएँ और बढ़ जाती हैं। किसानों को जब 2-3 दिन बाद की पेशी दी जाती है, तो उनकी स्थिति और जटिल हो जाती है। इस साल अगर किसान आईडी में उनकी सभी भूमि दर्ज नहीं हो पाई, तो वे अपनी फसल भी नहीं बेच सकेंगे। ये समस्याएँ किसानों के लिए बेहद गंभीर हैं।
समय सीमा और समाधान की आवश्यकता
किसानों को आईडी बनवाने और सभी खसरो को अन्य गांवों की भूमि को आईडी से ऐड करने के बाद पंजीकरण के लिए 31 अक्टूबर 2025 तक की अंतिम तिथि दी गई है। किसान अब सवाल कर रहे हैं कि वे कब तक अपने खेती के काम को छोड़कर कार्यालयों के चक्कर काटेंगे। संबंधित अधिकारियों को इस स्थिति पर तुरंत ध्यान देकर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की आवश्यकता है।
