
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित ग्राम पंचायत खरहट्टा में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां कृषि विभाग द्वारा भवन निर्माण कृषि सलाह केंद्र का कार्य किया गया था, जिसकी लागत लगभग 17 लाख रुपये थी। यह निर्माण 2019 में शुरू हुआ था, और अब इसमें अतिक्रमण की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
अतिक्रमण के चलते किसानों को हो रही परेशानी
इस केंद्र का निर्माण किसानों के लिए बेहतरीन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से किया गया था। परंतु, अब इस भवन के जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण हो गया है। इसका प्रभाव क्षेत्र के लगभग 10 गांवों के किसानों पर पड़ रहा है, जिसमें खरहट्टा, केशलमरा, पिपरखुटी, और नवागांव जैसे गांव शामिल हैं। पिछले तीन माह से इस अतिक्रमण पर न तो शासन और न ही प्रशासन स्तर पर कोई संज्ञान लिया गया है।
राजनीतिक दखल और प्रशासन की भूमिका
कृषि विभाग, तहसीलदार और पंचायत के द्वारा इस अतिक्रमण को हटाने की प्रक्रिया को अभी तक नजरअंदाज किया गया है। यह अतिक्रमण भाजपा शासनकाल में हुआ है, जो अत्यंत निंदनीय है। यदि इसे जल्द ही नहीं हटाया गया, तो स्थाई रूप से इस भवन का उपयोग नहीं हो पाएगा, और किसान लगातार परेशान होते रहेंगे। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में तात्कालिक कार्यवाही करें, ताकि किसान अपनी समस्याओं का समाधान करा सकें।
