
थाना भोरमदेव में पंजीबद्ध साइबर ठगी के प्रकरण (अपराध क्रमांक 28/2025) में कबीरधाम पुलिस द्वारा की गई जांच में महत्वपूर्ण मोड़ आया है। यह जिले का पहला मामला है जिसमें म्यूल अकाउंट धारकों के तीसरे स्तर तक पहुँचने की प्रक्रिया तक पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पहुँच रही है।
इस प्रकरण में नामदेव साहू द्वारा ICICI बैंक में संचालित खाता, जो M/S भोरमदेव कृषि केंद्र के नाम पर खोला गया था, अब तक देशभर के 72 विभिन्न स्थानों से प्राप्त साइबर ठगी की शिकायतों के आधार पर संदिग्ध पाया गया है। इन शिकायतों के आधार पर इस खाते में *₹1,49,15,792.50 (एक करोड़ उन्चास लाख से अधिक)* की राशि *फ्रीज की गई है*, जबकि पहले केवल 56 शिकायतों के आधार पर *₹70,27,299* की राशि की ही पुष्टि हो सकी थी।
अब तक इस सुनियोजित ठगी में दो आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है—
1. *नामदेव साहू* — खाता धारक एवं संचालनकर्ता
2. *सत्यनारायण दुबे* — खाते की गतिविधियों में सहयोगी, तकनीकी साधनों के उपयोग में सहायक
मामले में आगे आगे की खोज में *साइबर सेल की टीम रायगढ़ भेजी गई थी*, जहाँ से तकनीकी इनपुट प्राप्त हुए हैं
प्रकरण में *बीएनएस की धारा 317(4), 318(2), 61(2), 111(3)* के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। आगे की कड़ियाँ *उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान* से जुड़ती प्रतीत हो रही हैं, जिसके आधार पर अब टीमें इन राज्यों की ओर रवाना करने की तैयारी में हैं।
*पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस)* के निर्देशन में साइबर अपराध की गहराई तक पहुँचने, म्यूल अकाउंट के नेटवर्क को उजागर करने और इससे जुड़े आर्थिक लेन-देन की परत-दर-परत जांच जारी है। यह कार्रवाई *राजनांदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री अभिषेक शांडिल्य (भा.पु.से.)* के मार्गदर्शन में हो रही है।
*कबीरधाम पुलिस की अपील*
किसी भी प्रलोभन में आकर अपना बैंक खाता, ओटीपी या दस्तावेज अजनबी को न दें। *साइबर ठगी से जुड़ी किसी भी जानकारी मिलने पर तत्काल 1930 या निकटतम थाना में सूचना दें।**
