ग्राम रणवीरपुर में माँ शीतला माता मंदिर की प्राचीन मूर्ति का नूतन मंदिर में हुआ प्रतिस्थापना,विधायक भावना बोहरा ने पूजा कर सबके सुख-समृद्धि की कामना की

ग्राम रणवीरपुर के श्री शीतला माता मंदिर में विराजित माता की प्राचीन मूर्ति का आज नूतन मंदिर में प्रतिस्थापना के अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा शामिल हुईं और मंदिर में पूजा-अर्चना कर उन्होंने सर्वमंगल की कामना की। इस अवसर पर पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सहपरिवार एवं ग्रामवासियों के साथ पूरे विधि-विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ माँ शीतला जी की प्राचीन मूर्ति की पूजा कर नूतन मंदिर में प्रतिस्थापना की गई। इस दौरान ग्रामवासियों और भक्तजनों में भी उत्साह एवं पूरे क्षेत्र में भक्ति भाव के संचार से सभी के चेहरों पर ख़ुशी दिखाई दी। इस अवसर पर महारती एवं भंडारा व प्रसादी वितरण में भी बड़ी संख्या में भक्तगण एवं क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
भावना बोहरा ने कहा कि विगत कई वर्षों से मातारानी की कृपा से हम सभी ग्रामवासियों की आस्था और विश्वास जुड़ा हुआ है। माँ शीतला के आशीर्वाद से ही हम सभी के जीवन में ख़ुशी, उत्साह, उत्सव और आपसी स्नेह का संचार होता रहा है। यह हम सभी के लिए एक अत्यंत ही ख़ुशी और उत्सव का अवसर है कि सभी क्षेत्रवासियों के सहयोग और सहभागिता से आज मातारानी की प्राचीन मूर्ति का नव्य-दिव्य और भव्य मंदिर में पूरे विधि-विधान के साथ प्रतिस्थापना हुई है। यह नूतन मंदिर ग्राम रणवीरपुर सहित आस-पास के गाँव में निवासरत भक्तों और ग्रामवासियों की आस्था का केंद्र बनेगा जहाँ हर भक्तजन अपनी श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ मातारानी के दर्शन व पूजन के लिए पधारेंगे।
आज का यह पवित्र अवसर हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का क्षण है की हम इस शुभ अवसर के साक्षी बने हैं। इस पवित्र अनुष्ठान के अवसर पर पधारे मैं सभी संतजन, भक्तगण और अनुष्ठान में भाग लेने वाले समस्त सम्मानीय क्षेत्र और ग्रामवासियों का आभार व्यक्त करती हूँ। आज का यह समारोह हमें यह भी स्मरण कराता है कि मंदिर केवल एक भवन नहीं, बल्कि वह पवित्र स्थान है जहाँ हम अपने भीतर की शांति, प्रेम और एकता का अनुभव करते हैं। यह वह स्थान है जहाँ हम अपने दुखों को भूलकर, अपने मन को शुद्ध करके, और अपने कर्तव्यों का स्मरण करके प्रेरणा प्राप्त करते हैं। माँ शीतला, जो रोगों का नाश करने वाली, शीतलता और आरोग्य प्रदान करने वाली देवी हैं, आज इस नए मंदिर में अपने दिव्य स्वरूप में विराजमान हुईं हैं। प्राण प्रतिष्ठा वह पवित्र अनुष्ठान है, जिसमें वैदिक मंत्रों और विधि-विधान के माध्यम से मूर्ति में दैवीय चेतना का संचार होता है।
भावना बोहरा ने कहा कि यह मूर्ति अब केवल एक शिल्प नहीं, बल्कि माँ शीतला का जीवंत स्वरूप होगी, जो हमारी भक्ति का केंद्र बनेगी और हमें आशीर्वाद प्रदान करेगी।माँ शीतला की यह प्राचीन मूर्ति हमारे पूर्वजों की श्रद्धा और कला का अनमोल धरोहर है। इसे इस भव्य मंदिर में स्थापित करना हमारी परंपराओं को संरक्षित करने और अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प है। यह मंदिर वह स्थान बनेगा, जहाँ हम अपने मन की शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए माँ के चरणों में प्रार्थना करेंगे।उनकी पूजा हमें न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शीतलता भी प्रदान करती है। यह नया मंदिर उनके प्रति हमारी अटूट श्रद्धा का प्रतीक है, जो हमें सदा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देगा। मैं उन सभी कारीगरों, दानदाताओं और भक्तों का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ, जिनके अथक प्रयासों और सहयोग से यह मंदिर और यह प्राण प्रतिष्ठा संभव हो सकी। मैं माँ शीतला से प्रार्थना करता हूँ कि वे हम सभी पर अपनी कृपा बरसाएँ, हमारे परिवारों को सुख, शांति और आरोग्य प्रदान करें, और इस मंदिर को भक्ति और शांति का केंद्र बनाए रखें।
