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गन्ना किसानों के हित एवं शक्कर कारखाना पंडरिया के सुचारू रूप से संचालन के संबंध में विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में किया ध्यानाकर्षण* 

आज विधानसभा में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना,पंडरिया के सुचारू रूप से संचलान और किसानों को कारखाने में गन्ना बेचने हेतु प्रोत्साहित करने के विषय में विस्तृत चर्चा की और सदन का ध्यानाकर्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी विधानसभा पटल पर रखा। उन्होंने विधानसभा अंतर्गत नल जल/स्थल जल योजना,पेयजल व्यवस्था हेतु हैण्ड पम्प खनन, असंगठित कर्मकारों को प्रशिक्षण देने और सामुदायिक विकास योजना अंतर्गत माध्यम उद्योगों को आवंटित राशि के संबंध में भी प्रश्न किया।

 

इस दौरान लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना,पंडरिया के संबंध में ध्यानाकर्षण करते हुए भावना बोहरा ने कहा की पंडरिया विधानसभा अंतर्गत स्थित लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर कारखाना, पंडरिया वर्तमान परिस्थति में अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य नहीं कर पा रहा है। इस कारखाने के माध्यम से क्षेत्र के हजारों किसान परिवारों का जीवन जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से यह अत्यंत आवश्यक है कि शक्कर कारखाने के सुचारू रूप से संचालन एवं किसानों से अधिक से अधिक मात्रा में गन्ना की खरीदी करने के लिए प्रयास करना बहुत ही जरुरी है। वहीं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में ऋण भुगतान की क़िस्त की अदायगी नहीं दिए जाने के कारण आज दिनाँक पर्यन्त भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे कारखाने पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

 

लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सहाकारी कारखाना मर्या. पंडरिया, जिला कबीरधाम (छ.ग.) की स्थापना हेतू राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम नई दिल्ली के क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर (छ.ग.) [NCDC] द्वारा 81.00 करोड़ रूपये का ऋण 11.45% ब्याज दर पर दिया गया था। जिसके एवज में कारखाने द्वारा अब तक 121.47 करोड़ रूपये ब्याज सहित भुगतान किया जा चुका है एवं बकाया मूलधन ऋण राशि 17 करोड़ रूपये है। पूर्व की कांग्रेस शासन में इस राशि की किश्त जमा नहीं करने की वजह से इसमें अर्थदंड भी बढ़ा है। पेराई सत्र 2024-25 के लिए क्रय किये गये गन्ने की राशि का भुगतान भी शेष है। ऐसे स्थिति में कारखाने द्वारा शेष मूलधन ऋण राशि 17 करोड़ रूपये का पूर्ण भुगतान निर्धारित अवधि में किया जाना संभव नहीं हो पाएगा। यदि शक्कर कारखाने की स्थापना हेतु लिए गए ऋण एवं ब्याज में रियायत मिलती है तो इसका संचालन सुचारू रूप से हो सकता है।

 

 

इसमें दूसरा मुख्य कारण है कि विगत वर्षों में किसानों से कम मात्रा में गन्ने की खरीदी हुई है। शासन द्वारा किसानों को 350 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने की खरीदी की जाती है एवं भुगतान में देरी होती है, जिसकी वजह से किसान कारखाने में गन्ना कम मात्रा में बेच रहें हैं। जबकि क्षेत्र के आस-पास के जगरी/गुड़ के प्लांट द्वारा किसानों को 400 से 450 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है और उन्हें अग्रिम रूप से भुगतान किया जाता है, जिस वजह से किसान कारखाने की जगह स्थानीय फैक्ट्रियों में अपनी फसल बेचने के लिए बाध्य हो रहें हैं।क्षेत्र के किसानों को कम दर पर भुगतान एवं राशि के भुगतान की समय सीमा अधिक होने के कारण उनका रुझान निजी गुड़ प्लांट की ओर अधिक हो रहा है। भावना बोहरा ने चर्चा करते हुए सुझाव दिए कि शेष 17 करोड़ रुपये ऋण की राशि जो लगातार बढ़ रही है उसके लिए कारखाना इस माह पूर्ण बकाया राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य है और वर्तमान में ऋण की राशि का ब्याज दर 11.45 प्रतिशत है। इसके लिए कारखाने द्वारा राज्य कृषि विपणन बोर्ड को 20 करोड़ रुपये की ऋण राशि हेतु समय समय पर पत्र लिखा गया है यदि यह राशि उपलब्ध होती है तो कारखाने द्वारा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लिए गए ऋण का भुगतान सुचारू रूप से किया जा सकेगा वहीं राज्य कृषि विपणन द्वारा दिये गए ऋण पर ब्याज दर भी कम लगेगा साथ ही तय समय अवधि पर ऋण का भुगतान हो जाएगा और कारखाने के लिए संचालन की राशि भी उपलब्ध होगी।

 

उन्होंने कहा कि इसमें एक और महत्वपूर्ण विषय “मुलासिस बिक्री” का भी है। पूर्व सरकार ने भोरमदेव शक्कर कारखाने एवं सरदार वल्लभभाई पटेल शक्कर कारखाने के मध्य मुलासिस बिक्री हेतू अनुबंध कराया कि सरदार वल्लभभाई शक्कर कारखाना भोरमदेव शक्कर कारखाने को 12000 रूपये प्रति टन की निर्धारित दर से ही मुलासिस विक्रय करेगी। सरदार वल्लभभाई शक्कर कारखाने से क्रय किये गये मुलासिस को भोरमदेव शक्कर कारखाना द्वारा NKJ बायोफ्यूल इथेनॉल प्लांट को एक अनुबंध अनुसार आगे अधिक दर पर विक्रय करती है। इसमें महत्वपूर्ण यह है कि मुलासिस के तीन ग्रेड होते हैं ‘ए हैवी’ (सबसे अच्छा), ‘बी हैवी’ (मध्यम ग्रेड) और सी हैवी (निम्न ग्रेड) है, जिसमें पंडरिया शक्कर कारखाने के ‘बी हैवी ग्रेड’ का मुलासिस भोरमदेव कारखाने को 12000 रुपये प्रति टन की दर से बेच रहे हैं। जबकि अम्बिकापुर शक्कर कारखाने ने निजी क्षेत्र में ‘सी हैवी’ ग्रेड जो सबसे निम्न ग्रेड का मुलासिस है उसे 13000 रुपये क्विंटल की दर से बेचा जा रहा है। वर्तमान में सरदार वल्लभभाई पटेल कारखाने द्वारा जो ‘बी हैवी ग्रेड’ का मुलासिस भोरमदेव कारखाने को बेचा जा रहा है उसकी कीमत निजी क्षेत्र में कम से कम 16000 रुपये प्रति टन है। इस प्रकार प्रति वर्ष प्रति टन लगभग 4000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल शक्कर कारखाने द्वारा 9 हजार 995 मीट्रिक टन बी हैवी ग्रेड का मुलासिस बेचा गया है। यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल शक्कर कारखाने पंडरिया को भी उक्त अनुबंध के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में मुलासिस विक्रय हेतू अनुमति प्रदान की जाती है तो प्रति टन लगभग 4000 रुपये का आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

 

*भावना बोहरा ने सदन के समक्ष रखी प्रमुख मांगे*

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने शक्कर कारखाने के सुचारू रूप से संचालन और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा कि वर्तमान में जो गन्ना खरीदी की दर है उसे बढ़ाया जाए जिससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक गन्ने की खरीदी होने से प्लांट की पूर्ण क्षमता का उपयोग हो सकता है। किसानों को समय पर मूल राशि, रिकवरी दर की एवं बोनस का भुगतान सुनिश्चित करने से किसानों का रुझान बढ़ेगा। मुलासिस की बिक्री हेतु ओपन मार्केट में अनुमति दी जाए जिससे हर वर्ष कारखाने को 4 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। प्लांट के बकाया ऋण को माफ किया जाए और ब्याज दर जो वर्तमान में 11.45% है उसको कम किया जाए एवं भुगतान के लिए अरिरिक्त कार्यशील पूंजी शासन द्वारा उपलब्ध किया जाए। पंडरिया में गन्ना अनुसंधान केंद्र की सथापना हो जिससे नए किस्में तौयार कर गन्ने की रिकवरी को बढ़ाया जा सके।

 

भावना बोहरा ने नल जल योजना के संबंध में स्वीकृत कार्यों, पूर्ण व अपूर्ण कार्यों एवं उससे सम्बंधित शिकायतों के निराकरण के संबंध में प्रश्न किया जिसका लिखित उत्तर देते हुए माननीय उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव जी ने बताया कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 303 नल-जल योजनाएं एवं 28 स्थल जल योजनाएं संचालित है जिसमें 01 योजना में कार्य अप्रारंभ है एवं 129 नलजल योजनाएं प्रगतिरत है, इस प्रकार कुल 130 स्वीकृत नलजल योजना संचालित नहीं है। उन्होंने पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 दिसंबर, 2023 से 1 फरवरी, 2025 तक कितने ग्रामों में हैंडपंप का खनन किया गया है कितने हैंडपंप बंद एवं कितने चालू हैंऔर रखरखाव हेतु कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? उप मुख्यमंत्री जी ने बताया कि 1 दिसम्बर 2023 से 1 फरवरी 2025 तक कुल 195 गाँव में नलकूप खनन किया गया जिसमें 146 सफल,49 असफल रहें और 1 दिसंबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक 310 संधारित हैंड पम्प के लिए 2 लाख रुपए एवं 1 अप्रैल 2024 से 1 फ़रवरी 2025 तक कुल 3760 पुराने हैंडपंपों के रखरखाव हेतु 34 लाख रुपए खर्च की गई है।

 

उन्होंने प्रश्न किया कि कबीरधाम जिले के अंतर्गत श्रम कल्याण निधि से वर्ष 2023 24 एवं 2024-25 में जनवरी, 2025 की वर्तमान स्थिति में संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा कितने व्यक्तियों का पंजीयन किया गया unhe कुशल बनाने हेतु प्रशिक्षण कहां-कहां, कितनी-कितनी अवधि के लिए, किसके माध्यम से आयोजित किया गया तथा उसमें कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन जी ने लिखित उत्तर में बताया कि कबीरधाम जिले में छ.ग. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में जनवरी 2025 की स्थिति (31 जनवरी 2025 तक) में 25,179 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। जिसमें कवर्धा विकासखंड में 8180, पंडरिया विकासखंड में 8374, बोड़ला विकासखंड में 3921 एवं सहसपुर लोहारा विकासखंड में 4704 श्रमिक पंजकृत हैं एवं असंगठित कर्मकारों को कुशल बनाने कोई भी प्रशिक्षण आयोजित नहीं किया गया है। उन्होंने पूछा कि कबीरधाम जिले में किन-किन वृहद एवं मध्यम उद्योगों द्वारा वर्ष 2024-25 में सामुदायिक विकास योजना के तहत कबीरधाम जिले में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री जी ने बताया कि सामुदायिक विकास योजना नाम से कोई योजना संचालित नहीं है। तथापि, कबीरधाम जिले में 02 वृहद एवं मध्यम उद्योगों द्वारा वर्ष 2024-25 में सामुदायिक विकास के लिए राशि रु. 30 लाख 75 रूपये व्यय की गई। मदवार, स्थानवार विस्तृत विवरण भी उन्होंने उपलब्ध कराई है।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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