कवर्धा। प्रदेश के गृह मंत्री के गृह जिले में प्रदेश की भाजपा सरकार किसानो से बगैर व्यवधान और सुविधापूर्ण ढंग से अपने वायदे के अनुरूप समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। स्थिति ये है कि जिले के धान खरीदी केन्द्रों में खरीदी प्रारंभ होने के महज दो हप्ते में ही बारदाना की किल्लत खड़ी हो गई है। किसानो को टोकन के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं किसानो को सरकार अपने वायदे के अनुरूप समर्थन मूल्य का एक मुस्त भुगतान भी नहीं कर रही है। जिससे जिले के किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उक्त बातें कवर्धा कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने जारी बयान में कहीं। उन्होने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने 14 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत की है लेकिन महज हप्तेभर की खरीदी के बीच ही जिले के धान खरीदी केन्द्रो में बारदाना की गंभीर किल्लत खड़ी हो गई है। जिसे लेकर किसानो को केन्द्रों में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि स्थिति ये है कि सरकार ने पचास प्रतिशत बारदाना किसानो से लाने का फरमान जारी किया है और इसके लिए किसानो को बाजार मूल्य से कम का भुगतान करने कहा जा रहा है। जिससे किसानो को न सिर्फ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि उन्हें बारदाना भी खोजना पड़ रहा है। इसी प्रकार किसानो को टोकन के लिए भी लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। श्री साहू ने बताया कि प्रदेश सरकार जिस टोकन तोर हांथ एप के माध्यम से किसानो को टोकन जारी कर रही है वह हिचकोले खा रहा है और वेंटीलेटर पर नजर आ रहा है। जिसके चलते घंटों की माथापच्ची के बाद भी किसानो का टोकन नहीं कट पा रहा है। कवर्धा के पूर्व मण्डी उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानो से वायदा किया था कि वह धान की खरीदी 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से करेगी और किसानो को एक मुस्त 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा। लेकिन वास्तविकता ये है कि सरकार 2300 रूपए प्रति क्चिवंटल के भाव से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी कर रही है और सोसायटियों में धान बेंचने वाले किसानो के खातों में 2300 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान किया जा रहा है। वहीं शेष 800 रूपए की राशि बोनस के रूप में दिए जाने की बात कहीं जा रही है जो कब दिया जाएगा, इसका भगवान ही मालिक है। साहू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के ढोल में पोल साफ नजर आ रहा है। उन्होने शासन-प्रशासन से किसानो की मंशानुरूप और सरकार द्वारा किए गए वायदे के अनुरूप समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने की मांग की है।