आज शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024 को **न्यू पुलिस लाइन, कबीरधाम** में भव्य **जनरल परेड** का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के पुलिस अधिकारियों और जवानों ने अनुशासन, दक्षता और तत्परता का शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन में पुलिस बल की सामूहिक शक्ति और आत्मविश्वास की झलक देखने को मिली। परेड की शुरुआत **पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS)** को सलामी देकर की गई। इसके पश्चात जवानों ने सटीक तालमेल और अनुशासन का परिचय देते हुए **मार्चपास्ट** किया।
परेड की निरंतरता पुलिस विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है। यह न केवल पुलिसकर्मियों के अनुशासन और शारीरिक फिटनेस को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि उन्हें सामूहिक कार्यक्षमता, टीम भावना और नेतृत्व क्षमता को भी विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। जनरल परेड के माध्यम से पुलिस बल अपनी तत्परता और पेशेवर कुशलता का प्रदर्शन करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पुलिस बल किसी भी आपात स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार है।
इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा **बलवा ड्रिल रिहर्सल (मॉक अभ्यास)** था, जिसका उद्देश्य पुलिस बल की तैयारी और संपूर्ण दक्षता की परख करना था। बलवा ड्रिल के रिहर्सल में, पुलिस बल ने समन्वय और रणनीतिक समझ का प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए अप्रत्याशित परिस्थितियों में तत्काल प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता को उजागर किया। जवानों ने योजनाबद्ध तरीके से भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और विरोधी शक्तियों के समक्ष त्वरित कार्रवाई की रणनीतियों का अभ्यास किया, जिससे उनकी तैयारी और कौशल स्पष्ट रूप से सामने आया।
**पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS)** ने परेड और बलवा ड्रिल के रिहर्सल के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “हमारे पुलिस बल का असली बल हमारी अनुशासन और प्रशिक्षित कार्यशक्ति में है। ऐसे अभ्यास हमें किसी भी आपातकालीन या अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने में पूरी तरह सक्षम बनाते हैं। यह न केवल हमारी तैयारियों को परखता है, बल्कि हमारी टीम भावना और रणनीतिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।” उन्होंने उपस्थित जवानों से अपील की कि वे नियमित अभ्यास के माध्यम से अपनी कार्यक्षमता और मानसिक स्थिति को और बेहतर बनाए रखें, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तत्परता से निभा सकें।
बलवा ड्रिल के रिहर्सल के दौरान, पुलिस अधीक्षक ने कुछ कमियां और त्रुटियां भी नोट कीं। उन्होंने कहा, “अभ्यास के दौरान कुछ क्षेत्रों में बेहतर समन्वय और रणनीतिक सोच की आवश्यकता है। जैसे कि प्रतिक्रिया समय और टीम का तालमेल कुछ मामलों में कमजोर था। इन मुद्दों पर सुधार के लिए हम सभी को और मेहनत करनी होगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसे अभ्यासों के माध्यम से अपनी कमियों को पहचानें और उन्हें सुधारें, ताकि हम किसी भी संकट से प्रभावी ढंग से निपट सकें।” उन्होंने जवानों से अपील की कि वे इन त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए अपने अभ्यास में सुधार करें।
**बलवा ड्रिल रिहर्सल** में जवानों की उत्साही भागीदारी और प्रशिक्षित समन्वय को देखते हुए कार्यक्रम के समापन पर पुलिस अधीक्षक ने उनके जोश और समर्पण की सराहना की। इस अवसर पर **अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल**, **अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल**, **उप पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव**, **उप पुलिस अधीक्षक प्रतीक चतुर्वेदी**, **उप पुलिस अधीक्षक मोनिका सिंह परिहार**, **उप पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार चंद्राकर**, और **तहसीलदार प्रमोद चंद्रवंशी** भी उपस्थित रहे। साथ ही, जिले के सभी थानों के **थाना प्रभारी** भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, जिन्होंने बलवा ड्रिल के रिहर्सल के दौरान जवानों के प्रदर्शन को देखा और उनकी कार्यप्रणाली की सराहना की।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रकार के अभ्यास के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे पुलिस बल की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है और यह उन्हें किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करता है। बलवा ड्रिल के रिहर्सल के माध्यम से पुलिस बल ने यह सिद्ध कर दिया कि वह हर परिस्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता की सुरक्षा में पूरी तरह सक्षम है।
**कार्यक्रम की सफलता पुलिस बल की सशक्त भागीदारी और वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति से और भी प्रेरणादायक बनी**, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि जिले का पुलिस बल न केवल आपात स्थितियों के लिए पूरी तरह तैयार है, बल्कि भविष्य में किसी भी प्रकार के सुरक्षा संकट से निपटने के लिए सक्षम है।