कबीरधामकवर्धा

ध्वनि तथा जल प्रदूषण को रोकने नगरीय निकायों में उचित प्रबंधन करेंः- कलेक्टर 

ध्वनि प्रदूषण को रोकने डीजे पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए कठोरता से कार्यवाही करने के दिए निर्देश 

कवर्धा, 17 सितम्बर 2024। कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने छत्तीसगढ़ शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय द्वारा ध्वनि तथा जल प्रदूषण को रोकने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुरूप करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि ध्वनि प्रदूषण को राकने के लिए डीजे साउण्ड, प्रेशर हार्न अथवा मल्टी टोन हार्न, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेन्स पर लाउड स्पीकर बजने पर जारी निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कठोरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा पुलिस को संयुक्त रूप से कार्यवाही करने तथा अनुविभाग, तहसील,कस्बाई, तथा ग्राम स्तर पर शांति समिति की बैठक आयोजित कर निर्देशों से अवगत कराने के लिए भी कहा है।

 

कलेक्टर  जनमेजय महोबे ने कहा कि मूर्ति विसर्जन से जल स्त्रोतो की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिसके फलस्वरूप न केवल जलीय जीव-जंतुओं की जान को खतरा उत्पन्न होता है, बल्कि जल प्रदूषण की स्थिति भी उत्पन्न होती है। उन्होंने गणेश उत्सव एवं दुर्गोत्सव पर्व पर जल स्त्रोतो को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुरूप करने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि नदी और तालाब में विसर्जन के लिए विसर्जन पॉड, बन्ड, अस्थाई पॉड का निर्माण किया जाकर मूर्ति एवं पूजा सामग्री जैसे फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक से बनी सजावट की वस्तुएँ इत्यादि मूर्ति विसर्जन के पूर्व अलग कर ली जाए तथा इसका अपवहन उचित तरीके से किया जाए। जिससे नदी या तालाब में प्रदूषण की स्थिति नियंत्रित हो विसर्जन उपरांत वेस्ट मटेरियल, पूजा सामग्री, फूल कपड़े, प्लास्टिक पेपर, आदि को सुरक्षित एकत्र कर पुर्नउपयोग एवं कम्पोस्टिंग आदि में किया जाए। वेस्ट मटेरियल विसर्जन स्थल पर जलाना प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन स्थल पर पर्याप्त घेराबंदी व सुरक्षा की व्यवस्था हो। पूर्व से ही चिन्हांकित विसर्जन स्थल पर नीचे सिंथेटिक लाईनर की व्यवस्था की जाए तथा विसर्जन के उपरांत उक्त लाईनर, विसर्जन स्थल से हटाया जाये, जिससे कि मूर्ति विसर्जन के पश्चात् उसका अवशेष बाहर निकाला जा सके। बास, लकड़ियां पुर्नउपयोग की जावें एवं मिट्टी को भू-भराव इत्यादि में किया जायें। मूर्ति निर्माताओं को मूर्ति निर्माण के लिए लाईसेंस प्रदान करते समय मान्य एवं अमान्य तत्वों की सूची प्रदान की जाये। यह सुनिश्चित् किया जाए कि मूर्तिया केवल प्राकृतिक, जैव अपघटनीय, ईको फ्रेंडली, कच्चे माल से ही बनाई जाए। मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस, प्लास्टिक, धर्मोकोल और बेक्ट क्ले का उपयोग न किया जायें। मूर्ति के सजावट के लिए सुखे फुल संघटकों आदि का और प्राकृतिक रेजिन का इस्तेमाल किया जाए एवं मूर्ति की ऊँचाई कम से कम रखी जाए।

कलेक्टर ने ध्वनि प्रदूषण के मामले में सकारात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने कहा कि कोई भी वाहन पर साउण्ड बाक्स न बजे। वाहन में साउण्ड बाक्स मिलने पर साउण्ड बाक्स जब्त कर वाहन का रिकार्ड रखा जाए। जप्त साउण्ड बाक्स को मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही छोड़ा जाए। द्वितीय बार पकड़े जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जाएगा तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश बिना उस वाहन को कोई भी नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। जब भी शादियां, जन्मदिनों, धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित मापदण्डों से अधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारी जाए तो वे लोगों की भावना की कद्र करते हुए नम्रतापूर्वक उन्हें माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहें। आयोजक के विरोध करने पर उसके विरूद्ध कोर्ट में कार्यवाही की जाए तथा इसके अतिरिक्त संबंधित अधिकारी आयोजक के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना का प्रकरण उच्च न्यायालय में दायर करें। लेकिन अगर ध्वनि प्रदूषण यंत्र, टेन्ट हाउस, साउण्ड सिस्टम प्रदायकर्ता या डी.जे. वाले का पाया जाता है तो उसे सीधे जप्त किया जाएगा। वाहनों में प्रेशर हार्न अथवा मल्टी टोन्ड हार्न पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी तत्काल ही उसे वाहन से निकालकर नष्ट करेगा तथा रजिस्टर में दर्ज करेगा। अधिकारीगण इस संबंध में वाहन नम्बर के साथ मालिक तथा चालक का डाटा बेस इस रूप में रखेगा कि दोबारा अपराध करने पर वाहन जप्त किया जाए तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बिना जप्त वाहनों को नहीं छोड़ा जा सकेगा। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेन्स पर लाउड स्पीकर बजने पर प्राधिकृत अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण यंत्रों को जप्त करना होगा। बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति से प्रदूषण यंत्रों को वापस नहीं किया जाएगा। द्वितीय गलती पर जप्त किये गये प्रदूषण यंत्रों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश बिना वापस नहीं किया जाएगा।

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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