कबीरधामकवर्धा

बच्चों के अधिकार, सुरक्षा एवं संरक्षण, गुड टच-बेड टच उन्नमुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

कार्यशाला में जेजे एक्ट 2015 और पाक्सो एक्ट 2012 के संबंध में दी गई विस्तृत जानकारी

बच्चों के अधिकार, सुरक्षा एवं संरक्षण, गुड टच-बेड टच उन्नमुखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन

कार्यशाला में जेजे एक्ट 2015 और पाक्सो एक्ट 2012 के संबंध में दी गई विस्तृत जानकारी

जिले के सभी स्कूलों के लिए बालकों के देखरेख एवं संरक्षण के संबंध  होगी कार्यशाला

कवर्धा, 13 फरवरी 2023। जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में मिशन वात्सलय के तहत किशोर न्याय (बालको के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015, लैंगिग अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 (पाक्सो एक्ट 2012) के अंतर्गत बच्चों के अधिकार, सुरक्षा एवं संरक्षण, गुड टच, बैड टच उन्नमुखीकरण कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। कार्यशाला में बालको के देखरेख एवं संरक्षण के लिए जेजे एक्ट 2015 और पाक्सो एक्ट 2012 के संबंध में मास्टर ट्रेनरों को विस्तृत से जानकारी दी गई। यहां उपस्थित मास्टर ट्रेनर जिले के विकासखंडों में इसकी जानकारी देकर जिले में संचालित 1615 शासकीय स्कूलों और 183 प्रायवेट स्कूलों में विद्यार्थी, उनके पालक, शिक्षक और स्कूलों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों को बाल सुरक्षा और उनके अधिकारों से अवगत कराएंगे।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने कहा कि मिशन वात्सलय अंतर्गत बच्चों के अधिकार, सुरक्षा एवं संरक्षण, गुड टच-बैड टच उन्नमुखीकरण कार्यशाला सह प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बाल संरक्षण के प्रति स्वयं जागरूक होना है। इसके बाद डाउन द लाइन में अंतिम व्यक्ति तक सभी को जागरूक कराना है। उन्होंने कहा कि बच्चे, पालक, शिक्षक सहित महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को इसके बारे में जानकारी होना चाहिए। कार्यशाला के माध्यम से सभी स्कूलों, आश्रम एवं छात्रावास में बच्चों के संरक्षण एवं सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। ग्राउंड लेवल में चैनल तैयार कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि बच्चों का संरक्षण एवं सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। आज कार्यशाला में इसके संबंध में अवगत कराया जा रहा है। इसके बाद सभी स्कूलों में ट्रेनिंग होनी चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि हम इसके प्रति जागरूक रहे। कार्यशाला में जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एम.के. गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आनंद तिवारी सहित शिक्षा, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य श्री विपिन ठाकुर ने कार्यशाला में जेजे एक्ट 2015 और पाक्सो एक्ट 2012 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण के प्रति सभी को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बच्चे मां के गर्भ में आते ही उसका अधिकार प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने बताया की बच्चों के अधिकार का हनन होना बाल शोषण है। बाल शोषण के विभिन्न रुप भावनात्मक, यौन लैंगिग, शारीरिक और उपेक्षा के रूप में हो सकते है, जिसके परिणाम स्वरूप बच्चे के स्वास्थ्य, विकास और उसके गरिमा पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ जाए, अपने में अधिक ध्यान देने लगे या बिलकुल भी ध्यान नहीं दे, बच्चा डरा हुआ हो ऐसे स्थिति में बच्चों में ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि बच्चों को गुड टच बेड टच की जानकारी दे। ऐसे स्थिति में बच्चों को नो, गो और टॉक के बारे में अवेयरनेश करें। यदि हमें बच्चो के साथ ऐसी कोई घटना की जानकारी होती है तो तत्काल इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए। जानकारी होने के बाद भी इसकी सूचना या रिपार्ट नहीं कराना अपराध के श्रेणी में माना गया है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में पाक्सो बॉक्स होना चाहिए साथ ही शिकायत और पाक्सो समिति अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इस समिति में शिक्षक, महिला शिक्षिका, पालक, जिले के अधिकारी(पक्सो के जानकर) और विषय विशेषज्ञ शामिल हो। उन्होंने बताया कि लैंगिक अपराध के लिए कठोर सजा का भी प्रावधान है।

कार्यशाला में 80 मास्टर ट्रेनर्स को किया गया प्रशिक्षित

कार्यक्रम मे रिसोर्स पर्सन श्री विपिन ठाकुर द्वारा बाल यौन शोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर जैसे सेफ टच अनसेलफ टच, पॉक्सो एक्ट, बाल अधिकार संरक्षण एवं स्कूलों मे बच्चो की सुरक्षा एवं संरक्षण की जानकारी दी गयी। स्कूल मे चाइल्ड फ्रेडली वातावरण का होना, बच्चो को विशेष परिस्थिति मे बच्चो को न बोलना सिखाने व वहां से दूर भागकर अपने विश्वसनीय व्यक्ति से अपनी समस्या को बताना। इसी तरह का प्रशिक्षण जिले के सभी शासकीय, अशासकीय शालाओं मे प्रशिक्षण का अयोजन किया जाना है। प्रशिक्षण सह कार्यशाला मे स्कूल के सभी बच्चे एवं शिक्षक, बच्चो के अभिभावक, बस ड्राईवर, आटो ड्राईवर, हेल्पर, आया संस्था मे कार्यरत् सभी कर्मचारी को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण देने के लिए कुल 80 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया।

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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