कबीरधामकवर्धा

सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु दूषित जल या डायरिया से नहीं हुई 

अलग-अलग कारणों से हुई तीन ग्रामीणों की मृत्यु  कबीरधाम कलेक्टर को तीन अलग-अलग विभागों की संयुक्त टीम ने जांच रिपोर्ट सौपी

कवर्धा, 19 जुलाई 2024। कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पारा-टोला ग्राम सरेंडा निवासी तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण दूषित जल पीने अथवा डायरिया से नहीं हुई है। तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण अलग-अलग है और एक ग्रामीण महिला की मृत्यु रायपुर डॉ भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुई है। कलेक्टर  जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को कलेक्टर को अपनी जांच रिपोर्ट दी है।

कलेक्टर  जनमेजय महोबे को बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु होने की सूचना मिली थी। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव का अवलोकन किया था और पीड़ित परिवारों से आवश्यक चर्चा की। कलेक्टर ने तीन ग्रामीणों की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए कार्यपालन अभियंता पीएचई, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बोडला, और मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौपी है।

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणो की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में बताया गया कि मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्ष की थी। वह सरेंडा की निवासी थी। पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरे-धीरे शारीरिक कमजेरी बढ़ने के कारण 14 जुलाई को दोपहर को उनकी घर पर ही मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार के अन्य बीमारी जैसे उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था।

मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी। पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। ग्रामीणों के मुताबिक 17 जुलाई को दोपहर 3 बजे उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी जैसे उल्टी-दस्त अथवा बुखार नहीं था।

मृतक अनिता बैगा पिता महासिंह उम्र 29 वर्ष की थी। वह 6 माह की गर्भवती थी। उन्हें उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के साथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नही होने के कारण उसी दिन उन्हे जिला अस्पताल कवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भींम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया। उपचार के दौरान 17 जुलाई को उनकी मृत्यु हो गई। उनके मृत्यु का कारण डायरिया या उल्टी दस्त नहीं हैं। उनकी मृत्यु का कारण सेप्टीक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरि विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी बताया गया है।

कलेक्टर

जनमेजय महोबे ने बताया कि ग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 14 जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी महिला-पुरूष एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। यह परीक्षण आगे भी चलता रहेगा। स्वास्थ्य परीक्षण में ग्रामीणों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर दवाई दी जा रही है। सरेंडा गांव और आसपास के सभी क्षेत्रों में बोडला एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओ द्वारा लगातार दौरा किया जा रहा है।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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