कवर्धा, 19 जुलाई 2024। कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद तिवारी एवं महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी. एल. भूआर्य के मार्गदर्शन में सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में मिशन वात्सल्य चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम में कवर्धा शहर के शासकीय प्राथमिक शाला अटल आवास में जाकर बच्चों को एक युद्ध नशे के विरूद्ध के बारे में जानकारी दी गई।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर द्वारा बाल , अपशिष्ट पदार्थ संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त, सड़क जैसी परिस्थितियों में निवासरत बालकों एवं मादक द्रव्यों के शिकार बालकों का चिन्हांकन एवं रेस्क्यू जागरुकता अभियान के बारे में जानकारी दी और बच्चों का चिन्हांकन किया गया। चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 के परियोजना समन्वयक महेश निर्मलकर ने बताया कि चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 राष्ट्रीय इमरजेंसी 24 घंटे चलने वाली निःशुल्क फोन एवं आउटरीच सेवा है, ऐसे बच्चों के लिए जिन्हें देखभाल एवं संरक्षण की जरूरत है कोई भी अनाथ, बेसहारा, लावारिस, घुमंतू, गुमशुदा, बाल श्रम, बाल विवाह से सम्बन्धित बच्चों की सुरक्षा एवं मदद के लिए निःशुल्क नंबर 1098 पर फोन कर सकते हैं।
सुपरवाइजर रामलाल पटेल के द्वारा जानकारी दिया गया कि बच्चों के चार अधिकार जीवन जीने का अधिकार, सुरक्षा का अधिकार, विकास का अधिकार, सहभागिता के अधिकार, के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। आरती यादव सुपरवाइजर के द्वारा बच्चों को विशेष रूप से गुड टच एवं बेड टच की जानकारी दी गई। बच्चों को बताया कि कोई भी बच्चों के शरीर को स्पर्श करता है जिसको बच्चों को गलत महसूस होता है तो मुख्य तीन उपाय तुरंत अपनाना है। सबसे पहले तुरंत बच्चों को जोर से चिल्लाना है, दूसरा तुरंत वहां से भाग जाना है, तीसरा तुरंत अपने निकट एवं विश्वास के अन्य भरोसेमंद व्यक्ति को बताना है इन तीन विशेष बातों का ध्यान रखना है। शारदा निर्मलकर सुपरवाइजर के द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में बढ़ रहे मोबाइल के उपयोग एवं दुरुपयोग के संबंध में जानकारी दिया गया यह भी बताया गया कि छात्र जीवन में हमें अनुशासन में रहना चाहिए और हम पढ़ाई करें तो अपना टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें यह जानकारी दिया गया। चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम के द्वारा कबीरधाम जिला के विभिन्न गांव में जन जागरूकता किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर, प्रभारी प्रधान पाठक श्री शुशील मरावी, शिक्षक ओमकार बंजारे, महेश निर्मलकर परियोजना समन्वयक, रामलाल पटेल सुपरवाइजर, आरती यादव सुपरवाइजर, शारदा निर्मलकर सुपरवाइजर का विशेष सहयोग रहा।