कवर्धा। जिन तेंदूपत्ता श्रमिकों की हाड़तोड़ मसक्कत के दम पर ग्रीन गोल्ड कहे जाने वाले तेंदूपत्ता से प्रदेश की भाजपा सरकार करोड़ों का राजस्व प्राप्त कर अपना खजाना भर रही है आज उन तेंदूपत्ता श्रमिकों की सड़क दुर्घटना में आकस्मिक मौत पर आश्रित परिवारों को नाममात्र की आर्थिक सहायत राशि देकर सरकार अपने हांथ खड़े कर रही है। मृतकों के आश्रितों को दी जाने वाली सहायकता राशि को काफी कम बताते हुए कवर्धा कृषि उपजमण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवा साहू ने शासन से प्रत्येक मृतक तेंदूपत्ता संग्राहक के आश्रित परिवार को 50-50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने की मांग की है। इस संबंध में साहू ने जारी बयान में कहा कि तेंदूपत्ता प्रदेश सरकार का सरकारी खजाना भरने का एक बड़ा जरिया है। प्रदेश सरकार हर साल तेंदूपत्ता की ब्रिकी कर हजारो करोड़ का राजस्व प्राप्त करती है और इस कार्य को हमारे वनवासी भाई बहन अपनी जान जोखिम में डालकर तथा तेंदूपत्ता संग्रहण कर पूरा करते हैं। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि आज जब कबीरधाम जिले में 19 तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं की तेंदूपत्ता संग्रहण कर घर वापसी के दौरान सड़क हादसे में मौत हो जाने पर सरकार उन्हें मुआवजे के नाम पर उनके आश्रितों कों नाम मात्र की राशि देकर अपने हांथ खड़े कर रही है। साहू ने कहा कि शासन को इस पर पुन: विचार करते हुए पीडि़त परिवार के आश्रित को 50-50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देनी चाहिए। इसके अलावा श्री साहू ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुध लेते हुए उनका बीमा कराए जाने, भीषण गर्मी को देखते हुए उन्हें हर साल थरमस, छाता, टार्च आदि उपयोगी सामग्री वितरित किए जाने की मांग की है।