
उत्तर प्रदेश के अयोध्या के राम मंदिर में छत्तीसगढ़ से 300 टन चावल भेजे गए हैं। 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के चावल से भगवान राम को भोग लगेगा। इसके साथ ही देश भर से आने वाले राम भक्तों को प्रसाद का भी वितरण किया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भगवा ध्वज दिखाकर 11 ट्रकों को रवाना किया।
300 टन चावल का इंतजाम छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल माना जाता है और ऐसे में हम ननिहाल वालों की जिम्मेदारी है कि भगवान की जन्मभूमि में हो रहे भव्य आयोजन में कोई कमी ना रहे। छत्तीसगढ़ में मिलने वाले सबसे अच्छे किस्म के चावल को भगवान राम के लिए भेजा गया है।

रायपुर के राम मंदिर से अयोध्या के राम मंदिर भेजा गया
अयोध्या के लिए ट्रकों को रवाना करने का कार्यक्रम रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री जब यहां पहुंचे, तो राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उन्हें लड्डुओं से तौला और उन्हें ड्राई फ्रूट की विशाल माला पहनाई। कार्यक्रम में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी रजवाड़े भी मौजूद रहीं। राम मंदिर के पास से ही ट्रकों को भगवा ध्वज दिखाकर रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री बोले यह सौभाग्य की बात
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स बंधुओं ने 300 टन चावल अयोध्या भेजा है। छत्तीसगढ़ की धरती से ऐसा किया गया है, यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। अयोध्या में इस चावल से भगवान को भोग लगेगा। ट्रकों को रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री ने राम मंदिर में जाकर भगवान राम से प्रदेश की खुशहाली की कामना करते हुए पूजा भी की।

छत्तीसगढ़ और भगवान राम का नाता
अयोध्या से श्रीलंका तक की 14 साल की यात्रा में लगभग 248 ऐसे प्रमुख स्थल हैं, जहां भगवान श्रीराम ने या तो विश्राम किया या फिर उनसे उनका कोई रिश्ता जुड़ा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव छत्तीसगढ़ है। 14 साल के वनवास के 10 साल भगवान श्रीराम ने यहीं गुजारे।
भगवान राम की मां कौशल्या को भी छत्तीसगढ़ का ही बताया जाता है। छत्तीसगढ़ को प्राचीन काल में कोसल प्रदेश कहा जाता था, यहां की होने की वजह से उनका नाम कौशल्या पड़ा। रायपुर के चंदखुरी में राम भगवान को गोद में लिए कौशल्या माता की प्रतिमा मंदिर में स्थापित है। ये देश में माता कौशल्या का इकलौता मंदिर भी है।
अयोध्या दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी
जब रायपुर से चावल रवाना किया तब अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहे थे। शनिवार को जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हमारे जीवन में आया है। मैं भारत के 140 करोड़ देशवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं… जब 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम विराजमान हों, तब राम ज्योति जलाएं। दीपावली मनाएं।
उन्होंने आगे कहा कि 22 जनवरी को सभी का अयोध्या आना संभव नहीं है। यहां का पूरा कार्यक्रम हो जाने के बाद एक बार परिवार के साथ अयोध्या जरूर आएं। प्रभु राम को तकलीफ हो, ऐसा हम भक्त कभी न सह पाएंगे। हमने 550 साल इंतजार किया है, कुछ दिन और करें।
प्रधानमंत्री ने अयोध्या स्टेशन का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने 6 वंदे भारत और 2 अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। मोदी एक दलित धनीराम मांझी के घर भी पहुंचे। इसके बाद पीएम ने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अयोध्या धाम का इनॉगरेशन किया। इसके अलावा मोदी ने 15 हजार 700 करोड़ के 46 विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया।
प्रदेश में 22 जनवरी को होंगे कई आयोजन
22 जनवरी को संस्कारधानी राजनांदगांव में दीपावली के समान दीप उत्सव, महा आरती प्रसाद वितरण, भंडारा का आयोजन होगा। वहीं 20 जनवरी को मानव मंदिर चौक पर, 21 जनवरी को लक्ष्मी नारायण मंदिर और 22 जनवरी को दिग्विजय स्टेडियम में दीप महोत्सव का आयोजन होगा। वहीं 22 जनवरी को ही रायपुर में शाम 5 बजे विवेकानंद विद्यापीठ के सामने गुढिय़ारी रोड कोटा में 11 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ ही लेजर शो का आयोजन किया गया है।
