रायपुर के सिविल लाइंस स्थित सर्किट हाउस में एक हाईलेवल मीटिंग हुई। यूनिफाइड कमांड नाम की इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू माैजूद रहे। इस बैठक में नक्सल इलाकों में एंटी नक्सल ऑपरेशन, कंस्ट्रक्शन, कम्यूनिकेशन, एजुकेशन और हेल्थ मामलों पर राज्य सरकार, केंद्रीय एजेंसियां, स्टेट पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेस के बीच बातचीत हुई। आगे का एक्शन प्लान भी इस बैठक में बना है, जिसे गुप्त रखा गया है।
बैठक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- पुलिस को आम बस्तर के लोग दुश्मन मानते थे जिसमें परिवर्तन आया, अब पुलिस और आम जनता के बीच मित्रता की स्थिति है। वन विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी दुश्मनी रहती थी, क्योंकि वो केस बनाते थे, अब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लोग कई तरह के प्रोजेक्ट चला रहे, लघु वनोपज खरीदी का काम कर रहे हैं, उसमें वैल्यूएशन कर रहे हैं तो इन विभागों के साथ लोगों की मित्रता है। दोस्ती का भाव है। पहले जो दुश्मनी थी, अब वह दोस्ती में बदल गई है।
CM ने आगे कहा कि हमारे प्रयासों का सुखद परिणाम यह है कि 650 गांव नक्सल मुक्त कराए गए हैं। नक्सलियों की भर्ती में भी कमी आई है। आज की बैठक में इसे और आगे बढ़ाए जाने पर बात हुई है। आने वाले समय में प्रदेश में चुनाव हैं, चुनाव में भी सारे दल के लोग राजनेता के लोग आएंगे उनकी सुरक्षा, रोड ओपनिंग पार्टी की मुस्तैदी, कोई चूक न हो इस बात को विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा गया है।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा- हमारी जो योजना है, हमने जो संकल्प के साथ आगे बढ़ने पर काम किया। विश्वास विकास और सुरक्षा इस त्रिवेणी को लेकर हम आगे बढ़े हैं। इसका सुखद परिणाम आया कि आज नक्सल गतिविधियों में बेहद कमी आई है। दूसरी बात यह है कि हमने करीब 75 कैंप खोलें हैं, पहले तो ऐसी स्थिति थी कि बफर जोन में खोले जाते थे। अब हमने अंदरूनी हिस्सों में भी कैम्प खोले हैं। 23 कैम्प सुकमा जैसे जिले में खुले हैं।
आदिवासी इलाकों में क्या कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा- अबूझमाड़ इलाके में आदिवासियों को हमने पट्टा दिया है, वन अधिकार पट्टा । वहां खेती भी शुरू हो गई है। इसी तरह से लघु वनोपज खरीदी, बंद स्कूलों को शुरू करना और हाट बाजार क्लिनिक योजना, ढाई हजार किलोमीटर सड़क बनाई गई हैं। 34 बड़े पुल पुलिया बनाए गए हैं। इंद्रावती में भी दो पुल बने हैं जो अबूझमाड़ और दंतेवाड़ा और बीजापुर को जोड़ते हैं।
अब ग्रामीण मानते हैं जवान हमारी सुरक्षा के लिए
मुख्यमंत्री ने बैठक में नक्सल इलाकों के अधिकारियों से चर्चा के बाद कहा- वहां जॉइंट ऑपरेशन होते हैं। केंद्र और राज्य की फोर्स के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है। लगातार इस तरह की बैठकें हो रही है। फोर्स के कैंप में डॉक्टर होते हैं तो वह ग्रामीण जनों का इलाज करते हैं। हमारे जवान पढ़े-लिखे हैं तो थोड़ा समय निकालकर बच्चों को पढ़ाते भी हैं, तो इससे जवानों में भी कुछ अच्छी भावना आती है और लोगों में भी भाव आता है कि जो सुरक्षा बल के जवान हैं वह हमारे लिए हैं। हमारी सुरक्षा के लिए हैं, नहीं तो पहले सड़कें काट दी जाती थीं, आज कोई सड़क कटी हुई नहीं मिलती।
CM ने कहा- क्योंकि पहले और अब में परिवर्तन ही आया कि जब सड़कें बनती थी तो लोगों को लगता था कि यह पैरा मिलिट्री फोर्सेज के आने जाने के लिए सड़कें बनाई जा रही हैं। आज लोगों के पास खुद गाड़ी है, ट्रैक्टर मोटरसाइकिल है तो वह लोग समझते हैं कि सड़कें हमारे लिए आवश्यकता की चीज है और वह दूसरे के लिए नहीं है तो अब सड़क कटती नहीं है यह बड़ा परिवर्तन आया है।