अरपा-भैंसाझार बैराज से पानी छोड़ने की तैयारी
शहर और आसपास के गांव में अलर्ट, आपात स्थिति के लिए निगम ने बनाया कंट्रोल रूम
मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सहित अन्य जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में जल संसाधन विभाग ने अरपा भैंसाझार बैराज से नदी में पानी छोड़ने की तैयारी कर ली है। इसके लिए शहर और आसपास के गांव में अलर्ट जारी किया गया है। बाढ़ के हालात से निपटने के लिए नगर निगम ने भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया है और बरसात में जल निकासी की समस्या और अरपा नदी में जल स्तर के बढ़ने से किसी तरह की समस्या होने पर जानकारी देने के लिए कहा है।
मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी के साथ यलो अलर्ट जारी किया है। मंगलवार सुबह से बारिश शुरू हो गई है। अनुमान के हिसाब से बारिश अभी कम है। बिलासपुर, पेंड्रा, मुंगेली, दुर्ग, बेमेतरा और कबीरधाम जिलों में दोपहर में भारी से अतिभारी बरसात हो सकती है। पिछले दो-तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से अरपा भैंसाझार बैराज में जलभराव होने लगा है। अरपा भैंसाझार बैराज वर्तमान में 26.19 फीसदी भरा है।
थोड़ी सी बारिश में यहां लबालब पानी भर जाता है और पानी अरपा में छोड़ना पड़ता है अरपा भैंसाझार का कैचमेंट एरिया पेंड्रा के आसपास के क्षेत्र तक फैला है और यह उंचाई पर है। इसलिए उस क्षेत्र में होने वाली बारिश का पानी यहां जल्दी भरता है। अभी दो दिनों से जलभराव में बढ़ोतरी हुई है। बारिश लगातार हुई तब बैराज से पानी अरपा में छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ने अगले चार-पांच घंटों में अरपा नदी में पानी छोड़ने की चेतावनी दी है। साथ ही बैराज के डाउन स्ट्रीम में स्थित सभी गावों और बिलासपुर शहर के निवासियों से अपील की है कि नदी में जल स्तर बढ़ने पर सावधानी बरतें।
आपात स्थिति से निपट ने निगम ने बनाया कंट्रोल रूम
बरसात के मौसम में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निगम ने अपनी तैयारी करने का दावा किया है। निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत के निर्देश पर विकास भवन में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जहां बरसात में शहर में जल निकासी की समस्या और अरपा नदी में संभावित जल स्तर बढ़ने से होने वाली समस्या से निपटने के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष में शिकायत करने की अपील की गई है। कंट्रोल रूम में 24 घंटे सेवा देने तीन पालियों में अधिकारी, इंजीनियर एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
इसके साथ ही आपात स्थिति के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर 07752 471224 जारी किया गया है। इसके लिए अधीक्षण अभियंता और नोडल अधिकारी नीलोत्पल तिवारी को 9131548670 व सहायक नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी का मोबाइल नंबर 9993596615 जारी किया गया है। प्रभावित लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से रखने के लिए सामुदायिक,शासकीय व निजी भवनों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अलग से नोडल आफिसर भी बनाएं गए है।
मूसलाधार बारिश की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया है कि देश में मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है। अगले दो दिनों में गुजरात के कुछ और भाग, राजस्थान के कुछ और भाग, हरियाणा के बचे हुए हिस्से और पंजाब के बचे हुए हिस्से में पहुंचने की संभावना है। एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर अंदरूनी ओडिशा और उससे लगे दक्षिण झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ के ऊपर स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके उत्तर मध्यप्रदेश की ओर अगले 2 दिनों के दौरान बढ़ने की संभावना है। मंगलवार और बुधवार की रात 8:30 बजे तक बिलासपुर, पेंड्रा, मुंगेली सहित प्रदेश के राजनांदगाव और कबीरधाम जिलों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
खूंटाघाट में 56.7, घोंघा जलाशय में 46.10% पानी
बेतहाशा गर्मी में निस्तारी के लिए बांधों से पानी छोड़ा गया था। यहीं वजह है कि बांधों में कम पानी है। खारंग अभी 56.7, घोंघा 46.10 और भैंसाझार बराज 26.19 फीसदी ही भरा है। इस बार जिस तरह से बारिश की शुरुआत हुई है उससे बांधों में पानी और भरने की पूरी संभावना है। जिले में सबसे बड़ा खूंटाघाट बांध है जिससे सबसे अधिक सिंचाई होती है। खूंटाघाट बांध में जलभराव पूरी क्षमता से होने पर खेती के लिए बाद में होनी वाली पानी की कमी की चिंता नहीं रहती। खूंटाघाट बांध से 120 से अधिक गांवों में सिंचाई होती है। गर्मी के पहले सभी बांधों में तकरीबन 70 फीसदी भरा था। लेकिन निस्तारी के लिए पानी छोड़ने की वजह से वर्तमान में यह 56.7 फीसदी मिलियन घनमीटर भरा हुआ है।